Monday, 15 December 2025

जयपुर में स्टार्टअप्स एक्सपो में नेवी–एयरफोर्स के लिए नैनो स्ट्राइक सिस्टम, मिनी मिसाइल और हाई-पे लोड ड्रोन का प्रदर्शन: 45 ग्राम ड्रोन से लेकर 1000 किलो उठाने वाले रोबोट तक तकनीक का जलवा


जयपुर में स्टार्टअप्स एक्सपो में नेवी–एयरफोर्स के लिए नैनो स्ट्राइक सिस्टम, मिनी मिसाइल और हाई-पे लोड ड्रोन का प्रदर्शन: 45 ग्राम ड्रोन से लेकर 1000 किलो उठाने वाले रोबोट तक तकनीक का जलवा

जयपुर में अत्याधुनिक रक्षा तकनीक और उन्नत कृषि उपकरणों का अनोखा समागम देखने को मिला। ओटीएस चौराहा (JLN मार्ग) के पास राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा आयोजित स्टार्टअप्स एक्सपो-2025 में ऐसे हथियार और उपकरण प्रदर्शित किए गए, जिन्हें देखकर विशेषज्ञ और आमजन दोनों हैरान रह गए।

कार्यक्रम में 45 ग्राम के नैनो ड्रोन से लेकर 1000 किलोग्राम तक भार उठाने में सक्षम रोबोट, मिनी एरियल स्ट्राइक सिस्टम, नैनो क्रूज मिसाइल और हाई-टेक कृषि समाधानों की प्रस्तुति ने दर्शकों का ध्यान खींचा।

एक्सपो में प्रदर्शित नई तकनीक का केंद्रबिंदु रहा नैनो स्ट्राइक सिस्टम, जिसे नेवी और एयरफोर्स के लिए तैयार किया गया है। केप्क्सा डायनॉमिक्स डायरेक्ट के निदेशक नीतिमान माथुर के अनुसार यह नैनो ड्रोन सिर्फ 45 ग्राम का है और इसमें 15 ग्राम अम्युनिशन लगाया जा सकता है। यह सिस्टम गली, बिल्डिंग या दुर्गम स्थानों में आसानी से प्रवेश कर दुश्मन को सटीकता से निशाना बनाता है। इसमें लगे चार माइक्रो पंख और कैमरा इसे हवा में संतुलन और लक्ष्य पहचानने की क्षमता प्रदान करते हैं।

माथुर ने बताया कि यह तकनीक उन परिस्थितियों में खास उपयोगी है जहाँ मानव सैनिकों को प्रवेश करना जोखिमपूर्ण होता है। करीब 1.5 किलोमीटर तक ऑपरेट होने वाला यह सूक्ष्म स्ट्राइक सिस्टम दुश्मन की नजदीकी पोज़िशन पर त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम है।

दूसरी ओर, केप्क्सा डायनॉमिक्स की निदेशक डॉ. निलिमा मिश्रा ने 'हेलीकन-X' नामक मिनी क्रूज मिसाइल जैसे सिस्टम का प्रदर्शन किया। यह छोटा लेकिन शक्तिशाली हथियार 6 से 7 किलो तक का पेलोड ले जा सकता है और इसे बड़े ड्रोन या हेलिकॉप्टर से छोड़ा जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर तक है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि इसे स्वार्म अटैक मोड में भी छोड़ा जा सकता है, जिसमें एक साथ कई मिसाइलें दुश्मन पर हमला करती हैं। यह सिस्टम ऑटोनॉमस है, यानी लक्षित क्षेत्र तक पहुंचने के लिए इसे किसी मानव संचालन की जरूरत नहीं होती—यह अपने रास्ते खुद तय कर लेता है। रक्षा तकनीक के साथ-साथ एक्सपो में उन्नत खेती उपकरण, स्मार्ट फर्टिलाइजेशन सिस्टम, फसल निगरानी करने वाले एआई-सक्षम ड्रोन और स्वचालित रोबोटिक समाधान भी प्रदर्शित किए गए, जिससे कार्यक्रम तकनीकी नवाचार का केंद्र बन गया।

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