आरजीएचएस घपलों में फंसे 124 डॉक्टर–मेडिकल स्टाफ को 20 दिन में कंपलसरी रिटायर करने की तैयारी, 5054 मेडिकल स्टोर्स का पेमेंट रोका, 34 अस्पतालों पर 36 करोड़ की पेनल्टी
राजस्थान में सरकार स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से मिले स्पष्ट निर्देशों के बाद 124 डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफको कंपलसरी रिटायरमेंट देने की कार्रवाई की जा रही है। ये सभी कर्मचारी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में वित्तीय गड़बड़ी, पेंशनर्स और कर्मचारियों को अनुचित लाभ दिलाने, फर्जी बिलिंग और गलत क्लेम जैसी गंभीर अनियमितताओं में प्रत्यक्ष रूप से लिप्त पाए गए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, आगामी 20 दिनों के भीतर इन सभी को कंपलसरी रिटायर करने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
इसी के साथ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में फैले घपलों की सफाई को अगले स्तर पर ले जाते हुए राज्यभर के 5054 मेडिकल स्टोर्स का भुगतान भी रोक दिया है। माना जा रहा है कि इन स्टोर्स से जुड़े हजारों संदिग्ध बिल और क्लेम सरकार के लिए लगातार किरकिरी का कारण बने हुए थे।
यह कदम अचानक नहीं है। 13 दिन पहले ही सरकार ने 28 हेल्थ कर्मचारियों को सस्पेंड किया, 34 अस्पतालों और 431 फार्मा स्टोर्स को योजना से बाहर किया गया था, और करीब 40 करोड़ की पेनल्टी वसूली गई थी। अब अगला बड़ा निर्णय सरकारी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर कड़ा शिकंजा कसने का है।
मुख्य सचिव ने मांगी 8 बिंदुओं पर रिपोर्ट — होगी व्यापक जांच
मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में लगातार सामने आ रही अनियमितताओं पर प्रमुख सचिव से 8 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट में प्रमुख रूप से शामिल हैं:
आरजीएचएस घपले और फर्जी क्लेम
5 हजार से अधिक मेडिकल स्टोर्स के संदिग्ध बिल
मेडिकल कॉलेज, निजी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में फीस संबंधी अनियमितताएँ
मैन पावर भर्ती के टेंडरों में गड़बड़ी
लंबित NOC
रिम्स से जुड़े मुद्दे
सेनेटरी नेपकिन आपूर्ति में घपले
विभाग द्वारा 3 महीने से लंबित निर्णय
मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने साफ कहा है कि चिन्हित डॉक्टरों और कर्मचारियों पर ‘सबसे पहले सरकारी सेवा से हटाने’ की कार्रवाई की जाए। इस सूची के और लंबा होने की संभावना भी जताई जा रही है।
34 अस्पताल फर्जी क्लेम उठाते पकड़े
सरकार की जांच में 34 निजी अस्पताल बड़े पैमाने पर फर्जी और दोहरे क्लेम उठाते पाए गए। जांच में यह सामने आया कि एक ही सर्जरी के 2–3 बार क्लेम उठाए गए।मरीजों को अनावश्यक जांचें करवाई गईं।कम दर के उपलब्ध परीक्षणों को उच्च दर वाले पैकेज में क्लेम किया गया। सरकार ने इन अस्पतालों का पैनल निलंबित करते हुए 36 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूल की है। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।