Thursday, 11 December 2025

प्रवासी राजस्थानी दिवस-2025: सांस्कृतिक संध्या में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया ओम बिरला,धर्मेंद्र प्रधान, लल्लन सिंह,अर्जुन मेघवाल,राजीव रंजन सिंह और भूपेंद्र यादव का अभिनंदन


प्रवासी राजस्थानी दिवस-2025: सांस्कृतिक संध्या में  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया ओम बिरला,धर्मेंद्र प्रधान, लल्लन सिंह,अर्जुन मेघवाल,राजीव रंजन सिंह और भूपेंद्र यादव का अभिनंदन

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जयपुर। प्रवासी राजस्थानी दिवस-2025 के उपलक्ष्य में बुधवार की शाम जेईसीसी परिसर में सांस्कृतिक वैभव का अद्भुत संगम देखने को मिला। राजस्थान पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस भव्य सांस्कृतिक संध्या ने प्रवासी राजस्थानियों और अतिथियों को लोकसंगीत की लय और नृत्य की मोहक छटा में सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रदेश के मुख्यमंत्रीभजनलाल शर्मा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, तथा केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल का परंपरागत शॉल ओढ़ाकर गरिमामयी अभिनंदन किया।

संध्या में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा सहित राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया और प्रवासी राजस्थानियों का स्वागत किया।

लोकसंगीत और नृत्य का मनमोहक संगम

सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान की लोकविरासत अपने चरम पर दिखाई दी। प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री गुलाबो सपेरा और उनकी टीम ने कालबेलिया नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कालबेलिया की लहराती लय, तेज घूमते पदचिह्न और परंपरागत परिधानों की खूबसूरती ने प्रवासियों के मन में अपने प्रदेश की यादों को फिर से जीवंत कर दिया। इसके साथ ही इंडियन आइडल फेम पीयूष पंवार ने अपनी मधुर आवाज में एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए, जिन पर उपस्थित जनसमूह झूम उठा।

राजस्थानी लोकनृत्यों का रंगपूर्ण प्रदर्शन

राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित इस संध्या में गैर नृत्य की दमदार ताल और घूमती लाठियों का शक्तिशाली प्रदर्शन,घूमर के रंगबिरंगे परिधानों और सौम्य मुद्राओं की मनोहारी छटा और कालबेलिया की लयबद्धता और नृत्य की चपलता ने दर्शकों का दिल जीत लिया। यह संध्या राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता और उसकी शाश्वत सुंदरता का अनूठा उदाहरण बनी।

भारतीय और प्रवासी समुदाय की बड़ी उपस्थिति

इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी, उद्यम जगत के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत किया, बल्कि प्रवासी समुदाय को अपनी जड़ों से भावनात्मक रूप से जोड़ने का शुभ प्रयास भी किया।


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