



प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर जेईसीसी में आयोजित बैटरी एनर्जी स्टोरेज विषयक विशेष सत्र में केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहरलाल ने कहा कि देश के ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य राजस्थान से होकर गुजरेगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर–तृतीय को केंद्र से अनुमति मिल चुकी है तथा 115 गीगावाट क्षमता के केंद्रीय ट्रांसमिशन नेटवर्क का निर्माण राजस्थान में किया जा रहा है। यह प्रसारण विस्तार दर्शाता है कि देश का एनर्जी सुपर हाईवे राजस्थान ही बनेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि पश्चिमी राजस्थान में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड क्षेत्र में ट्रांसमिशन लाइन विस्तार से जुड़ा विधिक समाधान जल्द सामने आएगा।
“सौर और अक्षय ऊर्जा में राजस्थान सिरमौर” — मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान आज केवल भारत नहीं, बल्कि दुनिया के अक्षय ऊर्जा मानचित्र पर अग्रणी है।
उन्होंने बताया कि—
राजस्थान सौर ऊर्जा और समग्र अक्षय ऊर्जा क्षमता, दोनों में देश में प्रथम स्थान पर है।
सरकार ने अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं और पार्कों के लिए 23,386 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है, जिससे 10,202 मेगावाट क्षमता विकसित होगी।
इसके अलावा सोलर पार्कों हेतु 51,808 हेक्टेयर भूमि का अतिरिक्त आवंटन किया गया है, जिसकी क्षमता 26,784 मेगावाट होगी—जो भविष्य में गीगावाट स्तर की परियोजनाओं का आधार बनेगी।
उन्होंने बताया कि—
964 मेगावाट सोलर कैप्टिव प्लांटों तथा 1,514 मेगावाट सोलर प्लांटों को मंजूरी मिल चुकी है।
उद्योगों और बड़े उपभोक्ताओं को इससे सस्ती, स्वच्छ और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी।
सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित पीएम-कुसुम योजना ने राजस्थान में किसानों को ऊर्जा उत्पादन से जोड़कर नई शक्ति दी है।
मुख्यमंत्री के अनुसार—
पीएम-कुसुम (A एवं C) के अंतर्गत 10,533 मेगावाट क्षमता की 5,002 परियोजनाओं के कार्यादेश जारी किए गए हैं।
इनमें से 2,272 मेगावाट क्षमता वाली 1,019 परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं।
कुसुम योजना के कंपोनेंट-A में राजस्थान पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।
ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य में पीक ऑवर्स की बिजली जरूरत को पूरा करने के लिए 6,000 मेगावाट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रणाली विकसित की जा रही है।
वहीं खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं ने पश्चिमी राजस्थान के लोगों की आर्थिक किस्मत बदल दी है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक और ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस अवसर पर—
राजस्व मंत्री हेमंत मीणा
मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास
ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा
विभिन्न ऊर्जा संस्थानों और उद्यमों के प्रतिनिधि
प्रदेश के विद्युत निगमों के अधिकारी
उपस्थित रहे।
