



प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष पर्यटन सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य की महत्वाकांक्षी राजस्थान पर्यटन नीति–2025 का औपचारिक विमोचन किया। यह नीति राजस्थान को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ तथा देश–विदेश से आए प्रवासी राजस्थानी प्रतिनिधि उपस्थित थे।
नई पर्यटन नीति: मुख्यमंत्री ने इसे बताया दूरदर्शी दस्तावेज़
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति—
निवेश, नवाचार और रोजगार को नई गति देगी,
सामुदायिक सहभागिता बढ़ाएगी,
और “विकसित राजस्थान 2047” के लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने बताया कि—
नीति लागू करने के लिए समर्पित कार्यान्वयन इकाई बनाई जाएगी।
पर्यटन परियोजनाओं के लिए PPP मॉडल और Ease of Doing Business को केंद्र में रखा गया है।
सभी अनुमतियों के लिए सिंगल वेब पोर्टल बनाया जाएगा।
पर्यटन व्यवसायों की डिजिटल ग्रेडिंग, गतिविधि निगरानी और एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार होगा।
हर वर्ष राजस्थान पर्यटन पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
विद्यार्थियों को पर्यटन कोर्स के लिए स्कॉलरशिप और उद्यमियों को ट्रेनिंग–स्किल इंसेंटिव दिया जाएगा।

दिया कुमारी ने कहा कि नई नीति—
राजस्थान को सुरक्षित, आकर्षक और पर्यटक–अनुकूल राज्य के रूप में स्थापित करेगी।
संस्कृति, विरासत, कला और प्राकृतिक विविधता को आधुनिक पर्यटन आवश्यकताओं से जोड़ेगी।
एस्ट्रो–टूरिज्म, एडवेंचर, वेलनेस और धार्मिक–सांस्कृतिक सर्किट जैसे नए क्षेत्रों को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा—
“यह नीति सिर्फ दस्तावेज़ नहीं, राजस्थान को वैश्विक पर्यटन महाशक्ति बनाने का रोडमैप है।”
विशेष पर्यटन क्षेत्र और धार्मिक सर्किट
चुनिंदा जिलों में स्पेशल टूरिज्म जोन (STZ) विकसित किए जाएंगे।
कृष्ण गमन पथ, बृज–द्वारका तीर्थ मार्ग के तहत बड़े मंदिरों में सुविधाएँ बढ़ेंगी।
वन विभाग के साथ मिलकर धार्मिक व वन्यजीव–आधारित पर्यटन हब विकसित होंगे।
डिजिटल और अनुभव आधारित पर्यटनऐतिहासिक स्मारकों का 3D लेजर स्कैन, VR अनुभव, डिजिटल संग्रहालय, लाइट–एंड–साउंड शो बनाया जाएगा।
नया राजस्थान पर्यटन पोर्टल, मोबाइल ऐप, चैटबॉट, डिजिटल मैप और गाइडबुक लॉन्च होंगे।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और डिजिटल कैंपेन पर विशेष जोर दिया जाएगा।
जिला स्तर पर प्रबंधनसभी जिलों में डेस्टिनेशन मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DMO) कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्य करेगा।
पीक सीजन में समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु नियमित बैठकें होंगी।
पर्यटक सुविधा और कनेक्टिविटीप्रमुख शहरों में Hop On–Hop Off बस सेवा,
एयरपोर्ट–रेलवे–बस स्टैंड पर प्रीपेड टैक्सी बूथ,
ई-सेगवे, रेंटल साइकिल, गाइडेड ई-वाहन सेवा शुरू की जाएगी।
सभी परिवहन साधनों में एकीकृत सुविधा हेतु राजस्थान ट्रैवल कार्ड लाया जाएगा।
थीम आधारित पर्यटन को नई गतिएस्ट्रो टूरिज्म
फिल्म सिटी
ईको–टूरिज्म
बर्ड वॉचिंग सर्किट
शौर्य पर्यटन सर्किट
फूड फेस्टिवल
जैसे क्षेत्रों को विस्तार मिलेगा।
पुष्कर, मरु महोत्सव और झील महोत्सव को और भव्य बनाया जाएगा।
जनजातीय संस्कृति, वस्त्र, शिल्प पर आधारित क्राफ्ट म्यूज़ियम स्थापित किए जाएंगे।
योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी आधारित वेलनेस टूरिज्म हब विकसित होंगे।
पर्यटक सुरक्षा—24×7 सहायता तंत्र24×7 टूरिज्म कॉल सेंटर,
मजबूत Tourist Assistance Force,
पर्यटक वाहनों में पैनिक बटन,
QR आधारित फीडबैक सिस्टम और CCTV सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएंगी।
समारोह में मंत्री झाबर सिंह खर्रा, जोराराम कुमावत, आईटीडीसी एमडी मुग्धा सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता, पर्यटन आयुक्त रुक्मणी रियार, और अनेक पर्यटन उद्यमी व प्रवासी प्रतिनिधि उपस्थित थे।