



जयपुर। राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी के बढ़ते मामलों ने केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। मंगलवार को राज्यसभा के शून्यकाल में भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान से सटे राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधि लगातार बढ़ रही है और कई बार ड्रोन के माध्यम से गिराए गए नशीले पदार्थ पकड़े भी गए हैं।
तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान की सीमा 1,000 किलोमीटर से अधिक लंबी है और यह ड्रग्स तस्करी का नया रूट बनता जा रहा है। सीमा पार से ड्रोन के जरिए भेजे जाने वाले नशीले पदार्थ न केवल युवाओं को नशे की गिरफ्त में ले रहे हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय माफियाओं के नेटवर्क को भी मजबूत कर रहे हैं। ऐसे में इस प्रवृत्ति पर कठोर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएसएफ, सेना और स्थानीय पुलिस इस नेटवर्क के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन मौजूदा संसाधन तेजी से बदलती तस्करी तकनीक का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। सीमावर्ती इलाकों में नई पुलिस चौकियों, नाइट विजन उपकरण, ड्रोन ट्रैकिंग सिस्टम और उन्नत तकनीक की तत्काल आवश्यकता है।
सांसद तिवाड़ी ने सीमा क्षेत्रों में डेमोग्राफिक बदलाव पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि कुछ गांवों में ऐसे लोग रह रहे हैं जिनकी गतिविधियाँ संदिग्ध हैं और जो सीमा के दोनों ओर आवागमन कर तस्करी को बढ़ावा देते हैं। इसलिए इन नेटवर्कों को तोड़ने और निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि राजस्थान को अतिरिक्त विभागीय सहायता प्रदान की जाए, जिसके आधार पर एक विशेष पुलिस बल (Special Task Force) का गठन किया जा सके। यह बल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रग तस्करी को रोकने, सीमावर्ती गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी रखने और युवाओं को नशे की लत से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।