



जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में खनन, ऊर्जा, शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य सहित अनेक क्षेत्रों में विकास और निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के बड़े निवेशक राजस्थान में निवेश कर रहे हैं, लेकिन प्रवासी राजस्थानियों द्वारा अपनी मातृभूमि में निवेश कर ‘विकसित राजस्थान’ की यात्रा में सहभागी बनना एक सुखद और गौरवपूर्ण अहसास है। राज्य सरकार निवेशकों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें हरसंभव सहयोग देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में देश-विदेश के आठ प्रवासी राजस्थानी चैप्टर्स के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने विदेशों में रहकर अपनी मेहनत, लगन और उपलब्धियों से प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह भी सराहा कि प्रवासी जन अपने मूल स्थान से भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखते हुए सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में निरंतर योगदान देते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 दिसम्बर को जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित होने जा रहे प्रवासी राजस्थानी दिवस के लिए चैप्टर्स की सक्रियता और सहयोग अत्यंत प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने एनआरआर की भागीदारी को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष डैशबोर्ड तैयार किया है, जिसमें सभी जिलों के गैप-एरियाज़ को चिन्हित किया गया है। इससे प्रवासी राजस्थानी अपने गांव, शहर और जिले में भामाशाहों के सहयोग से विकासात्मक कार्यों में और अधिक सुगमता से योगदान दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग’ का गठन किया है, जो सरकार और प्रवासी राजस्थानियों के बीच संवाद और सहयोग का मजबूत मंच बनेगा।
इसके साथ ही नॉन-रेजिडेंट राजस्थानी (एनआरआर) पॉलिसी ऑफ राजस्थान-2025 निवेश, व्यापार, ज्ञान विनिमय, शोध, कौशल विकास आदि क्षेत्रों में एनआरआर समुदाय के योगदान को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य में निवेश-अनुकूल इकोसिस्टम को और गति प्रदान करेगी।
बैठक में मौजूद प्रवासी राजस्थानी चैप्टर्स के प्रतिनिधियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में राजस्थान में उद्योग और निवेश के लिए अत्यंत अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, जिससे विकास की गति को मजबूती मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी दिवस—2025, एनआरआर समुदाय को अपनी मातृभूमि से जुड़ने और राज्य के विकास में योगदान का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। चैप्टर्स ने मुख्यमंत्री को नए विभाग के गठन और एनआरआर पॉलिसी—2025 लागू करने के लिए आभार जताया। बैठक में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास, कई वरिष्ठ अधिकारी और रियाद (सऊदी अरब), काठमांडू (नेपाल), रांची, गुवाहाटी, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोयम्बटूर चैप्टर्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।