



राज्य में हर घर तक स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल पहुंचाने के संकल्प को मजबूती देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को दो मेगा पेयजल परियोजनाओं—नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना और परवन-अकावद पेयजल परियोजना—को मंजूरी दी है। जल जीवन मिशन के तहत दोनों परियोजनाओं पर कुल 5,184 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इनके पूरा होने पर कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिले के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
नौनेरा वृहद पेयजल परियोजना — कोटा व बूंदी के 1.13 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ
सरकार ने इस परियोजना के लिए 1,661.14 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
परियोजना के तहत—
749 गाँव और 6 कस्बों के 1,13,287 परिवारों तक हर घर जल पहुंचेगा।
1 इंटेक पंप गृह, 3 जल शोधन संयंत्र, 14 स्वच्छ जलाशय और 137 उच्च जलाशय का निर्माण होगा।
कोटा एवं बूंदी के लिए 58.45 किमी रॉ वॉटर राइजिंग मेन लाइन बिछाई जाएगी।
कुल 4,506.89 किमी लंबे पाइपलाइन नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा।
14 पंप गृह भी बनाए जाएंगे।
परवन-अकावद पेयजल परियोजना — 1.52 लाख परिवारों तक पहुंचेगा शुद्ध पेयजलइस परियोजना पर 3,523.16 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
इसके माध्यम से—
बारां के 907, कोटा के 184 और झालावाड़ के 311 गाँव सहित कुल 1,402 गाँव व 276 ढाणियाँ जुड़ेंगी।
1,52,437 परिवार लाभान्वित होंगे।
2 इंटेक पंप गृह, 2 जल शोधन संयंत्र, 41 स्वच्छ जलाशय और 276 उच्च जलाशय का निर्माण होगा।
661 किमी लंबी मुख्य ट्रांसमिशन पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
9,477 किमी लंबी राइजिंग मेन, क्लस्टर और ग्रामीण वितरण पाइपलाइन तैयार होगी।
अगस्त 2027 तक पूरी होंगी परियोजनाएँदोनों परियोजनाओं को अगस्त 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का मानना है कि इन मेगा प्रोजेक्ट्स से जल जीवन मिशन के "हर घर नल से जल" अभियान को गति मिलेगी और प्रदेश के लाखों परिवारों को साफ, सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मिलेगा।