



लोकसभा में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर शुरू हुई विशेष चर्चा में सत्ता और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् के साथ अन्याय किया और इसके उपयोग को विभाजित कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के तत्कालीन नेतृत्व, खासकर जवाहरलाल नेहरू ने मोहम्मद अली जिन्ना के दबाव में आकर राष्ट्रगीत से दूरी बनाई।
मोदी ने कहा कि “वंदे मातरम् वह नारा था जिसने स्वतंत्रता सेनानियों को ऊर्जा दी, आजादी के आंदोलन को दिशा दी। फिर इस गीत के साथ पिछले दशक में ऐसा व्यवहार क्यों?”
पीएम के भाषण के बाद चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् 150 वर्षों से देश की आत्मा का हिस्सा है और 75 वर्षों से जनता के दिल में बसाया गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि फिर आज इस पर बहस क्यों हो रही है? मैं बताती हूं—क्योंकि बंगाल का चुनाव आने वाला है। मोदी जी उसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।
प्रियंका गांधी ने व्यक्तिगत और राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि मोदी जी अब वह प्रधानमंत्री नहीं रहे जो पहले थे। और नेहरू जी की बात करें—जितने साल मोदी प्रधानमंत्री रहे हैं, उतने साल नेहरू जेल में रहे थे।
चर्चा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर इतिहास में गहरी गलतियां करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रगीत का राजनीतिक विभाजन किया। मुस्लिम लीग के डर से उसके उपयोग की समीक्षा की। यह वंदना सिर्फ गीत नहीं, स्वतंत्रता की प्रेरणा है।
उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम् का विरोध करने के पीछे जिन्ना की 1936 की आपत्तियां थी, और कांग्रेस नेतृत्व उस दबाव में झुक गया।
8 दिसंबर को लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर 10 घंटे की चर्चा का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दोपहर 12 बजे बहस की शुरुआत की और विपक्ष की ओर से पहली प्रतिक्रिया कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से आई।
प्रियंका गांधी के संबोधन के बाद सदन में माहौल और गर्म हो गया, जहां भाजपा इसे "राष्ट्रगौरव का विषय" बता रही थी वहीं कांग्रेस इसे "चुनावी राजनीतिकरण" करार दे रही थी।