Tuesday, 16 December 2025

झालावाड़ हादसे और जयपुर में अमायरा की मौत के बाद सख्त हुई सरकार: राजस्थान में बनेगी ‘स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी’, प्रदेश की स्कूलों की सुरक्षा व गुणवत्ता की करेगी निगरानी


झालावाड़ हादसे और जयपुर में अमायरा की मौत के बाद सख्त हुई सरकार: राजस्थान में बनेगी ‘स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी’, प्रदेश की स्कूलों की सुरक्षा व गुणवत्ता की करेगी निगरानी

झालावाड़ के सरकारी स्कूल में बिल्डिंग ढहने से 7 बच्चों की मौत और जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की आत्महत्या की घटना के बाद राज्य सरकार स्कूल सुरक्षा पर बेहद सख्त हो गई है। शिक्षा विभाग अब प्रदेश भर के सरकारी व निजी स्कूलों की निगरानी के लिए स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी (State School Standard Authority – SSSA) बनाने जा रहा है। यह अथॉरिटी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता, सुरक्षा इंतजाम, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षक योग्यता सहित सभी महत्वपूर्ण मानकों पर नजर रखेगी।

राजस्थान में लगभग 1 लाख से अधिक सरकारी, निजी और प्राथमिक स्कूल संचालित हैं। नई अथॉरिटी इन सभी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग करेगी, ताकि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता किसी भी परिस्थिति में प्रभावित न हो।

बड़ी घटनाओं के बाद सरकार सक्रिय

25 जुलाई को झालावाड़ जिले के पिपलोदी सरकारी स्कूल में कक्षा की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि 9 गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हादसे ने स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर की वास्तविक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए। दूसरी ओर, 1 नवंबर 2025 को जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी मंजिल से कूदकर 9 वर्षीय अमायरा की आत्महत्या ने निजी स्कूलों की मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक सुरक्षा पर भी बहस छेड़ दी। इन दोनों घटनाओं ने सरकार को मजबूर किया कि स्कूल सुरक्षा और संचालन व्यवस्था के लिए एक स्वतंत्र, तकनीकी और प्रोफेशनल प्राधिकरण का गठन किया जाए।

किन-किन पहलुओं पर निगरानी करेगी नई अथॉरिटी?

सूत्रों के अनुसार, स्टेट स्कूल स्टैंडर्ड अथॉरिटी निम्न बिंदुओं पर नियमित जांच और रिपोर्टिंग करेगी—

  • स्कूल भवनों और क्लासरूम की सुरक्षा

  • विद्युत एवं अग्नि सुरक्षा मानक

  • शिक्षकों की योग्यता व व्यवहार मानक

  • छात्र-शिक्षक अनुपात

  • सीसीटीवी, बस सुरक्षा और एग्जिट प्लान

  • मानसिक स्वास्थ्य एवं काउंसिलिंग सुविधाएँ

  • शैक्षणिक गुणवत्ता और लर्निंग आउटकम

  • स्कूल प्रबंधन द्वारा नियमों का पालन

अथॉरिटी का गठन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।

27 सदस्यीय समिति पहले ही बना चुकी है ड्राफ्ट

शिक्षा विभाग ने हाल ही 27 सदस्यीय समिति गठित की थी। इस समिति ने अन्य राज्यों में स्थापित अथॉरिटीज का अध्ययन किया,विशेषज्ञों से चर्चा की और राजस्थान के लिए विस्तृत ड्राफ्ट तैयार किया। अब अंतिम निर्णय अगली उच्चस्तरीय बैठक में लिया जाएगा।

ड्राफ्ट में क्या सुझाव?

तैयार किए गए ड्राफ्ट में प्रमुख सुझाव हैं—

  • स्कूल सुरक्षा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र प्राधिकरण अनिवार्य

  • शिक्षकों की योग्यता की प्रमाणिक पुष्टि

  • इंफ्रास्ट्रक्चर की वार्षिक थर्ड-पार्टी ऑडिट

  • स्कूल प्रबंधन की जवाबदेही तय करना

  • बच्चों की फिजिकल, सोशल और साइकोलॉजिकल सेफ्टी पैरामीटर्स

  • सभी प्रकार के सरकारी व निजी स्कूलों के लिए एकसमान मानक

शिक्षा विभाग का मानना है कि इस कदम से राजस्थान की शिक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और गुणवत्ता आधारित बनेगी।

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