Saturday, 13 December 2025

राज्यपाल बागडे ने बीकानेर में भारतीय परिवहन मजदूर संघ के 26 वें अखिल भारतीय अधिवेशन का किया उद्घाटन—कहा, “अधिकारों के साथ कर्तव्य भी समझें, संगठन राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें”


राज्यपाल बागडे ने बीकानेर में भारतीय परिवहन मजदूर संघ के 26 वें अखिल भारतीय अधिवेशन का किया उद्घाटन—कहा, “अधिकारों के साथ कर्तव्य भी समझें, संगठन राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखें”

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शनिवार को बीकानेर के गंगाशहर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित भारतीय परिवहन मजदूर संघ के 26 वें त्रैवार्षिक अखिल भारतीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश की आर्थिक प्रगति, मजदूरों की भूमिका और संगठन की सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित विचारधारा पर विस्तार से चर्चा की।

राज्यपाल बागडे ने कहा कि पिछले बारह वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2014 में विश्व की ग्यारहवीं अर्थव्यवस्था रहे भारत ने अब उभरकर चौथा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय देश के श्रमिकों, मजदूरों और कार्यबल को दिया। बागडे ने कहा कि भारतीय मजदूरों ने कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ देश के विकास को नई गति दी है।

अपने संबोधन में राज्यपाल बागडे ने भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 23 जुलाई 1955 को मजदूरों को संगठित कर एक नए युग की शुरुआत की। ठेंगड़ी का मानना था कि भारतीय मजदूर अपनी सभ्यता, आचार-विचार और स्वदेशी सोच से विश्व को एक दिशा दे सकते हैं। राष्ट्रहित और स्वदेशी को बढ़ावा देना उनका मूल लक्ष्य था।

राज्यपाल बागडे ने कहा कि कोई भी संगठन यदि केवल स्वहित तक सीमित रहता है तो उसका अस्तित्व कमजोर हो जाता है। संगठन को समाज और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी समझें और उनका पालन करें। उन्होंने मजदूरों को देश की विकास धुरी बताया और कहा कि भारतीय मजदूर संघ देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी रूप से कार्य कर रहा है तथा सबसे अधिक श्रमिक इसी संगठन से जुड़े हैं।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल बागडे ने राजस्थान की समृद्ध विरासत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह वीरों और संतों की भूमि है, जहां बप्पा रावल जैसे शूरवीर और प्रतापी राजा हुए जिन्होंने विदेशी आक्रमणों का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक विविधता, जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों और प्रदेश की संस्कृति पर भी प्रकाश डाला। साथ ही बीकानेर के प्रसिद्ध भुजिया और रसगुल्ला की विशेष पहचान का जिक्र करते हुए कहा कि यह मिठाइयाँ दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।

इससे पूर्व राज्यपाल बागडे ने दीप प्रज्वलित कर अधिवेशन का औपचारिक उद्घाटन किया। अधिवेशन में देशभर से आए मजदूर प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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