



झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में संविदा पर नर्सिंग ऑफिसर की नौकरी लगवाने के नाम पर चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का लालच देकर लाखों रुपए हड़पने वाले इस गिरोह के दो सरगनाओं को पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह प्रति व्यक्ति 50 हजार से लेकर दो लाख रुपए तक की मोटी रकम वसूलकर नकली जॉइनिंग लेटर दे रहा था।
मामले का खुलासा तब हुआ जब 12 नवंबर को लोकेश मीणा निवासी बारां ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी गिरोह ने उसे और उसके तीन साथियों को झूठे दस्तावेज दिखाकर नौकरी का झांसा दिया और कुल ₹8 लाख हड़प लिए। शिकायत के बाद पुलिस सक्रिय हुई और एक जाल बिछाकर मुख्य आरोपी सद्दाम हुसैन उर्फ सन्नी पठान को लग्जरी कार में दबोच लिया। इसके बाद रक्षक प्लेसमेंट एजेंसी संचालक राजेश मिश्रा को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचना की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस जांच में पता चला कि प्लेसमेंट एजेंसी संचालक राजेश मिश्रा बेरोजगारों के मोबाइल नंबर सद्दाम पठान को देता था। सद्दाम उनसे एडवांस रकम और दस्तावेज लेकर भरोसा दिलाता और फिर फर्जी सील व नकली हस्ताक्षरों से कूट–रचित नियुक्ति पत्र तैयार करता था। पीड़ितों को और अधिक विश्वास दिलाने के लिए उनके नाम फर्जी हाजिरी रजिस्टर में दर्ज किए जाते थे, हाजिरी वाली तस्वीरें भेजी जाती थीं, यहां तक कि एडवांस एक महीने का नकली वेतन भी खातों में भेजा जाता था ताकि नौकरी असली लगे।
पुलिस ने सद्दाम उर्फ सन्नी पठान के कब्जे से कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं, जिनमें फर्जी नियुक्ति पत्र, अस्पताल अधीक्षक की नकली सीलें, फर्जी हाजिरी रजिस्टर, बैंक चेक, महंगे मोबाइल फोन और एक लग्जरी कार शामिल हैं। पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर यह पता लगाने में जुटी है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल है तथा अब तक कितने लोगों से ठगी की गई है।