



जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में 9 वर्षीय छात्रा अमायरा मीणा की संदिग्ध मौत के मामले ने एक बार फिर गंभीर मोड़ ले लिया है। घटना के 12 दिन बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) की जांच टीम गुरुवार को जयपुर पहुंची।
टीम ने स्कूल परिसर का निरीक्षण, प्रशासनिक अधिकारियों और परिजनों से मुलाकात की तथा घटनास्थल का दौरा कर स्कूल प्रबंधन से पूरी जानकारी मांगी।
आयोग की सदस्य डॉ. मधुलिका और दीप्ति बहल की अगुवाई में यह जांच बैठक हुई, जिसमें जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, डीसीपी राजर्षि राज, एसीपी आदित्य काकड़े, मानसरोवर थाना प्रभारी लखन खटाना, जिला शिक्षा अधिकारी रामनिवास शर्मा और चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक के बाद आयोग की प्रतिनिधि दीप्ति बहल ने कहा कि जो भी कदम उठाए जाएंगे, वे बच्चों के हित में होंगे। फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हमने परिजनों से बात की है, उन्होंने अपना पक्ष रखा है और वे मौजूदा जांच की रफ्तार से संतुष्ट नहीं हैं।
आयोग की टीम ने नीरजा मोदी स्कूल का भौतिक निरीक्षण किया और स्कूल प्रबंधन से सभी रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और घटना से जुड़ी जानकारी मांगी। अधिकारियों ने प्रबंधन के बयान दर्ज किए और उस कक्षा का भी निरीक्षण किया जहां अमायरा के साथ कथित रूप से बुलिंग (उत्पीड़न) की घटनाएँ हुई थीं।टीम ने स्पष्ट किया कि जांच में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन को भेजी जाएगी।
अमायरा के पिता विजय मीणा ने NCPCR टीम से मुलाकात के बाद कहा कि हमने आयोग को बताया कि नीरजा मोदी स्कूल ने स्कूल बायलॉज और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है। स्कूल के पास केवल तीन दिन की सीसीटीवी फुटेज है, जबकि नियमों के अनुसार 15 से 30 दिन की फुटेज सुरक्षित रखना अनिवार्य है।
स्कूल ने एंटी-बुलिंग कमेटी भी गठित नहीं की थी, जो कि CBSE और शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।”
उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए बने दिशा-निर्देशों की अनदेखी ही इस त्रासदी का मुख्य कारण है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन और स्थानीय पुलिस जांच में देरी कर रहे हैं, जिससे न्याय की उम्मीद कमजोर पड़ती जा रही है।
इस घटना ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और बुलिंग रोकथाम को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार ने पहले ही मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की थी, जबकि अब राष्ट्रीय स्तर पर NCPCR की सक्रियता ने जांच को नया आयाम दिया है।
आयोग की टीम ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह CBI या स्वतंत्र एजेंसी से जांच की सिफारिश भी कर सकती है।
अमायरा मीणा, जो कि नीरजा मोदी स्कूल, मानसरोवर की छात्रा थी, 2 नवंबर को स्कूल में मृत पाई गई थी। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर बुलिंग, उत्पीड़न और सीसीटीवी फुटेज छिपाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।अब NCPCR के दखल के बाद उम्मीद है कि मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच होगी।