निकाय और पंचायत चुनाव अब मई 2026 में स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, ‘सरकार पूरी तरह तैयार, SIR कार्यक्रम के चलते फिलहाल चुनाव संभव नहीं’
जयपुर। राजस्थान में लंबे समय से चली आ रही ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ (One State, One Election) की चर्चा पर अब तस्वीर लगभग साफ हो गई है। शहरी विकास एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में नगर निकाय और पंचायत चुनाव अब मई 2026 में ही आयोजित किए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और स्वशासन विभाग की ओर से सभी आवश्यक तैयारियाँ सितंबर तक पूरी कर ली गई हैं, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR-2026) कार्यक्रम के चलते फिलहाल चुनाव कराना संभव नहीं है।
सरकार की तैयारियाँ पूरी, अब सिर्फ निर्वाचन आयोग का इंतजार: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सरकार ने नगर निकायों की सीमा विस्तार, वार्डों के परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली है, और इनके नोटिफिकेशन भी जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रशासनिक कार्य शेष नहीं है जो चुनाव में बाधा बने। सारी तैयारियाँ समय पर पूरी कर दी गई हैं।”
आरक्षण और OBC सर्वे की प्रक्रिया जारी: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि चुनाव से पहले दो अहम चरण पूरे होने बाकी हैं — 1️⃣ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (Backward Classes Commission) को निकायवार ओबीसी वर्ग के आंकड़े जुटाने हैं। 2️⃣ इसके बाद आरक्षण तय होने पर वार्डों की लॉटरी निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले सितंबर तक सर्वे पूरा करने का आश्वासन दिया था, जिसके आधार पर दिसंबर 2025 में चुनाव कराने की तैयारी थी, लेकिन निर्वाचन आयोग के SIR कार्यक्रम के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
पुरानी मतदाता सूची पर नहीं होगा मतदान: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पुरानी मतदाता सूची पर चुनाव कराना वैधानिक रूप से उचित नहीं होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “जयपुर जैसे महानगर में ही लगभग 1 लाख से 1.5 लाख मतदाताओं के नाम सूची से कट सकते हैं, ऐसे में SIR प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही सही और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जा सकेगी।”
परीक्षाओं के बीच नहीं होगा चुनाव: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि विशेष मतदाता पुनरीक्षण (SIR) फरवरी 2026 तक पूरा होने की संभावना है, लेकिन मार्च-अप्रैल में स्कूल और कॉलेजों की परीक्षाएँ शुरू हो जाएंगी। चूंकि शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी चुनावी कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, इसलिए इस अवधि में चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि मई 2026 से पहले चुनाव की कोई संभावना नहीं है।
‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ को लेकर स्थिति स्पष्ट: स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्राने कहा कि “‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की नीति के तहत निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने का निर्णय कायम रहेगा, लेकिन इसे मई 2026 में कराना ही सबसे उपयुक्त और व्यवहारिक विकल्प है।” उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है और जैसे ही निर्वाचन आयोग का SIR कार्यक्रम पूर्ण होगा, चुनाव प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ कर दी जाएगी।