Thursday, 13 November 2025

राजस्थान कांग्रेस में फेरबदल तय: 15 नवंबर तक जारी होगी जिलाध्यक्षों की सूची, 40 जिलों में बदलाव की संभावना


राजस्थान कांग्रेस में फेरबदल तय: 15 नवंबर तक जारी होगी जिलाध्यक्षों की सूची, 40 जिलों में बदलाव की संभावना

राजस्थान में कांग्रेस संगठन में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। बिहार और अंता उपचुनाव के परिणामों के तुरंत बाद कांग्रेस हाईकमान राज्य के जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी करने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और उनकी टीम 15 नवंबर तक सूची जारी कर सकती है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के 50 जिलों में से 40 जिलों में बदलाव की संभावना है, जबकि 80 प्रतिशत जिलों में नए अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।

दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार, एआईसीसी (AICC) मुख्यालय में राहुल गांधी की उपस्थिति में तीन दिनों तक चली बैठकों में पर्यवेक्षकों की रिपोर्टों पर गहन चर्चा की गई। अंतिम रूप देने से पहले कई वरिष्ठ नेताओं से राय ली जा रही है। संगठनात्मक सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद, राहुल गांधी ने जिलाध्यक्षों की सूची को प्राथमिकता के तौर पर तैयार करवाया है।

गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस के 30 केंद्रीय पर्यवेक्षक 1 से 15 अक्टूबर तक जिलों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं से वन-टू-वन संवाद कर रायशुमारी के आधार पर 6-6 नामों के पैनल तैयार कर पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल को रिपोर्ट सौंपी थी। इन रिपोर्टों की क्रॉस-वेरिफिकेशन के बाद ही अंतिम सूची जारी की जाएगी। इस बीच कई युवा और वरिष्ठ नेता जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में अपने नाम को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के लगातार चक्कर काट रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ नेताओं ने बड़े पदाधिकारियों से मिलने के लिए 5 से 6 बार दिल्ली जाकर लॉबिंग की है। राहुल गांधी की टीम अब सभी रिपोर्टों का मिलान कर अंतिम नाम तय कर रही है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 19 जिले ऐसे हैं जहाँ 6-6 दावेदार भी नहीं मिले। इन जिलों में 2 से 5 नाम ही रिपोर्ट में भेजे गए हैं। ऐसे में सीनियर नेताओं की राय पर पैनल से बाहर के किसी नाम को भी जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं 8 जिलों, जिनमें जयपुर ग्रामीण भी शामिल है, में पर्यवेक्षकों द्वारा भेजे गए नामों को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। यदि 40 जिलों में बदलाव होता है, तो संगठन में आंतरिक असंतोष बढ़ने की भी संभावना है। इसके साथ ही चर्चा यह भी है कि कांग्रेस हाईकमान चार राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने पर भी विचार कर रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह फेरबदल कांग्रेस के आगामी रणनीतिक पुनर्गठन का हिस्सा है, जिसमें युवा और सक्रिय चेहरों को प्राथमिकता दी जा रही है।

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