Thursday, 13 November 2025

अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन 2025 के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सचिव अविनाश जोशी को आमंत्रण: सारस्वत समाज के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण में आगे आने का आह्वान


अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन 2025 के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सचिव अविनाश जोशी को आमंत्रण: सारस्वत समाज के युवाओं को राष्ट्रनिर्माण में आगे आने का आह्वान

जोधपुर: अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन (ISBM) 2025 की तैयारियों के क्रम में टीम अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन  ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सचिव अविनाश जोशी से औपचारिक भेंट की। यह सौहार्दपूर्ण मुलाकात नई दिल्ली में हुई, जिसमें उन्हें आगामी अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन 2025 सम्मेलन के लिए सादर आमंत्रित किया गया। यह सम्मेलन 20–21 दिसंबर 2025 को जोधपुर (राजस्थान) में आयोजित होगा।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के सचिव अविनाश जोशी को सारस्वत समाज का गौरव बताया गया, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर देशभर में समाज का नाम रोशन किया। वे अपने कठोर परिश्रम, सादगी और प्रशासनिक दक्षता के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं। असम-मेघालय कैडर के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उन्होंने कई अहम भूमिकाएँ निभाई हैं — वे जैसे ऊँचे पदों पर कार्य कर चुके हैं। ऊर्जा, अवसंरचना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने असम को विकास की नई दिशा दी है।

महासम्मेलन के मुख्य संयोजक घनश्याम ओझा ने इस अवसर पर उन्हें कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्य और प्रस्तावित सत्रों की जानकारी दी। उन्होंने अनुरोध किया कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सचिव जोशी सारस्वत समाज के युवाओं को सिविल सर्विसेज और प्रशासनिक सेवाओं में आगे बढ़ने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करें। टीम के सदस्यों अंचल बोहरा और रामदेव औझा भी इस भेंट के दौरान उपस्थित रहे।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय सचिव अविनाश जोशी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सारस्वत समाज सदैव ज्ञान, अनुशासन और सेवा भावना का प्रतीक रहा है। युवाओं को राष्ट्रनिर्माण की प्रक्रिया में सहभागी बनाना ही सच्ची सामाजिक प्रगति है। उनके ये प्रेरणादायी शब्द सारस्वत समाज के युवाओं के लिए नई ऊर्जा और दिशा का स्रोत बनेंगे। सम्मेलन का उद्देश्य समाज के बौद्धिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक योगदान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है, जिसमें देश-विदेश से अनेक विद्वान, नीति-निर्माता और युवा प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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