Thursday, 13 November 2025

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में आपसी विवाद चरम पर: रणजी और अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए बनीं दो अलग-अलग टीमें, BCCI की हस्तक्षेप की नौबत


राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में आपसी विवाद चरम पर: रणजी और अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए बनीं दो अलग-अलग टीमें, BCCI की हस्तक्षेप की नौबत

जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में एक बार फिर सियासी खींचतान अपने चरम पर पहुंच गई है। सरकार द्वारा गठित एडहॉक कमेटी के भीतर चल रहे विवाद ने ऐसा रूप ले लिया है कि रणजी ट्रॉफी और अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए एक ही राज्य से दो अलग-अलग टीमें घोषित कर दी गई हैं।

एक टीम का ऐलान एडहॉक कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत ने किया है, जबकि दूसरी टीम की घोषणा कमेटी के चार सदस्यों धनंजय सिंह खींवसर, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवारी ने संयुक्त रूप से की है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आगामी रणजी मुकाबले में हैदराबाद के खिलाफ मैदान पर आखिर कौन सी टीम उतरेगी, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी टीम को अधिकृत बता रहे हैं।

इस विवाद ने न केवल खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं को असमंजस में डाल दिया है, बल्कि राजस्थान क्रिकेट की साख पर भी गहरा असर डाला है।

एडहॉक कमेटी में मतभेद स्पष्ट

कमेटी के कन्वीनर डीडी कुमावत का कहना है कि वे ही अधिकृत कन्वीनर हैं और उनकी ओर से चयनित टीम को ही मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि “टीम चयन के लिए जिन चयनकर्ताओं की नियुक्ति की गई थी, उनकी घोषणा पिछली AGM में की गई थी। यदि किसी सदस्य को आपत्ति थी तो उसे उसी समय उठाना चाहिए था।”

वहीं, सदस्य पिंकेश जैन ने पलटवार करते हुए कहा कि “कमेटी बहुमत से चलती है, न कि एक व्यक्ति के फैसले से। हमारे बहुमत से चयनित खिलाड़ियों की टीम ही वैध है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे बातचीत से समाधान निकालने को तैयार हैं, परंतु कन्वीनर का unilateral निर्णय स्वीकार्य नहीं है।

कौन-कौन हटे, किसे मिली जगह

अंडर-23 टीम में सर्वज्ञ पानेरी, शोभित मिश्रा, राज शर्मा और भगवान सिंह को बाहर किया गया है, जबकि नीलेश टांक, राहुल गर्ग, अमोल चेलानी और प्रशांत माली को शामिल किया गया है। वहीं रणजी टीम में दीपक चौधरी और अभिजीत तोमर की जगह रामनिवास गोलाडा और साहिल दीवान को टीम में जोड़ा गया है।

RCA का विवादों से पुराना रिश्ता

यह कोई पहली बार नहीं है जब RCA विवादों में घिरा हो। 90 के दशक में भी दो-दो टीमों के विवाद ने राजस्थान क्रिकेट को शर्मसार किया था। इसी तरह, 2007 और 2008 में भी रणजी मैच के दौरान दो टीमों के मैदान पर पहुंचने की घटना ने BCCI को हस्तक्षेप के लिए मजबूर कर दिया था। एक बार फिर वही स्थिति बनती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार, अगर RCA जल्द इस विवाद का समाधान नहीं निकालता है तो BCCI हस्तक्षेप कर खुद की निगरानी समिति गठित कर सकती है।

गौरतलब है कि जब ललित मोदी ने RCA में वापसी की कोशिश की थी, तब BCCI ने RCA पर लंबा प्रतिबंध लगाया था और “टीम राजस्थान” नाम से एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर राज्य में क्रिकेट संचालन कराया था। वर्तमान विवाद का सबसे अधिक नुकसान राजस्थान के खिलाड़ियों को हो रहा है। दो टीमों के गठन से वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कौन सी टीम आधिकारिक मानी जाएगी और BCCI किस चयन को मान्यता देगा। इस असमंजस ने राज्य के क्रिकेट ढांचे की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

Previous
Next

Related Posts