



अजमेर। जिला न्यायालय को सहयोगिता नगर स्थित नए भवन में शिफ्ट किए जाने के फैसले के खिलाफ अधिवक्ताओं का विरोध बुधवार को और तेज हो गया। राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति एसपी शर्मा मंगलवार को नए कोर्ट भवन का शुभारंभ करने पहुंचे, वहीं बाहर जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता काली पट्टी बांधकर नारेबाजी करते दिखाई दिए।
अधिवक्ताओं का कहना है कि नए भवन में सिर्फ 78 चैंबर तैयार किए गए हैं, जबकि अजमेर में 1500 से ज्यादा अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे हैं। ऐसे में अधिवक्ताओं के बैठकर काम करने और क्लाइंट से मिलने में भारी अव्यवस्था होगी।
इससे पहले सुबह अधिवक्ताओं ने नए भवन के मुख्य द्वार पर लगे टेंट को हटाकर उसमें आग लगा दी और कुछ देर रास्ता भी जाम किया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक रावत ने बताया कि प्रोजेक्ट के प्रारम्भिक प्रस्ताव में 356 चैंबर स्वीकृत थे, लेकिन बजट के अभाव में सिर्फ 78 ही बनाए गए।
अधिवक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि बिना पर्याप्त सुविधा और चैंबर उपलब्ध कराए कोर्ट को नए भवन में शिफ्ट करने का निर्णय वापस लिया जाए।
नए भवन की डिटेल
जी+2 संरचना, साथ में बेसमेंट
2 लिफ्ट स्थापित
एडवोकेट चैंबर – 78
सुविधाएं: कैंटीन, लाइब्रेरी, मीटिंग हॉल, डिस्पेंसरी, बैंक व पोस्ट ऑफिस
बेसमेंट में पार्किंग, विज़िटर पार्किंग बाहर
बजट: 138 करोड़ रुपए
निर्माण शुरू: 23 मार्च 2018
निर्धारित पूरा होने की तिथि: 21 सितंबर 2019
कोविड और फंड देरी से लगातार टालमटोल
मार्च 2025 में जाकर निर्माण पूरा