Tuesday, 07 October 2025

बिहार चुनाव पर बोले डॉ. सुधांशु त्रिवेदी – विपक्ष में पारिवारिक कलह और नेतृत्व का अभाव, NDA को स्पष्ट बढ़त


बिहार चुनाव पर बोले डॉ. सुधांशु त्रिवेदी – विपक्ष में पारिवारिक कलह और नेतृत्व का अभाव, NDA को स्पष्ट बढ़त

जयपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के 24 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें भारतीय राजनीति में “सेवा, समर्पण और सुशासन का प्रतीक” बताया।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और तब से अब तक लगातार 24 वर्षों तक राष्ट्र की सेवा की है। यह भारतीय राजनीति में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। उन्होंने मोदी को वह नेता बताया जिन्होंने गुजरात को "विकास मॉडल" के रूप में स्थापित किया और बीते 11 वर्षों से भारत को वैश्विक मंच पर अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया।

राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मोदी का व्यक्तित्व ऐसा है जिसमें “राष्ट्र प्रथम” की भावना सर्वोपरि है। लगातार तीन बार मुख्यमंत्री और फिर तीन बार प्रधानमंत्री पद पर रहकर उन्होंने यह सिद्ध किया है कि उनका जीवन तन-मन-धन से राष्ट्र को समर्पित है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे तेज़ी से उभरती शक्ति बन चुका है, जो मोदी के नेतृत्व और दृष्टिकोण का परिणाम है।

बिहार चुनाव पर निशाना

बिहार विधानसभा चुनावों पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि हालिया जनमत सर्वेक्षणों में एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिल रही है और यह बढ़त चुनावी परिणामों में भी परिलक्षित होगी। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन स्थिरता और सामंजस्य के साथ आगे बढ़ रहा है।

वहीं विपक्ष पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन पारिवारिक कलह और नेतृत्वहीनता से जूझ रहा है। त्रिवेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा— “जो खुद को सीएम समझते हैं, उनमें सीएम बनने की क्षमता नहीं है, और जो खुद को पीएम इन वेटिंग कहते हैं, वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी स्पष्ट नहीं कर पाते कि उनका नेता कौन है।”

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि यदि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है तो पूर्वी भारत को विकास की मुख्यधारा में लाना होगा। इसके लिए स्थिर और दूरदर्शी नेतृत्व आवश्यक है, जो देश के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में मौजूद है।

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