Monday, 06 October 2025

एबीआरएसएम के 9 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में तीन शिक्षकों को मिला शिक्षा भूषण सम्मान, गुरु की महिमा पर बल


एबीआरएसएम के 9 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में तीन शिक्षकों को मिला शिक्षा भूषण सम्मान, गुरु की महिमा पर बल

जयपुर के जामडोली में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) के 9वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन शिक्षा जगत की तीन विभूतियों को “शिक्षा भूषण सम्मान” से अलंकृत किया गया। यह सम्मान महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरि और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व सहसरकार्यवाह सुरेश सोनी द्वारा प्रदान किया गया।

गुरु की महिमा पर बल

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य अवधेशानंद गिरि ने कहा कि गुरु ही बालक का सृजनकर्ता, पालनकर्ता और अज्ञान का संहारकर्ता होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति को पुरुषार्थी बनाती है और सत्य का बोध कराती है। “भगवान स्वयं शिक्षक के रूप में प्रकट होते हैं, इसलिए गुरु को सर्वोच्च सम्मान प्राप्त है।”

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि महासंघ शिक्षा जगत और समाज में राष्ट्र भाव को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक दृष्टि से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इन सभी परिवर्तनों में शिक्षक की भूमिका अहम है। महासंघ वर्ष 2015 से ऐसे शिक्षकों को सम्मानित कर रहा है जिनका जीवन समाज निर्माण और राष्ट्र आराधन में समर्पित रहा है। सम्मान के अंतर्गत ₹1 लाख की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र और चांदी की प्लेट दी जाती है।

शिक्षा भूषण सम्मान प्राप्त शिक्षक

  1. प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा (उदयपुर/ग्रेटर नोएडा) – गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के कुलपति। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 5वें, 6वें और 10वें सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 350 से अधिक शोध प्रकाशित, भारत सरकार से मदन मोहन मालवीय पुरस्कार से सम्मानित।

  2. प्रो. सुषमा यादव (हरियाणा/दिल्ली विश्वविद्यालय) – दौलतराम कॉलेज की प्राध्यापिका, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय की उपकुलपति रह चुकीं। कई शोध लेख और पुस्तकें प्रकाशित। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विदुषी सम्मान और सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान प्राप्त।

  3. वि. जे. श्रीकुमार (केरल) – अमृता संस्कृत उच्चतम विद्यालय, कोल्लम के अध्यापक। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम प्रसारित। “वाक्श्री” शीर्षक से कविताओं का संकलन प्रकाशित। केरल राज्य से संस्कृत क्षेत्र का राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त।

भारतीय शिक्षा की अवधारणा

सुरेश सोनी ने भारतीय शिक्षा की अवधारणा पर बल देते हुए कहा कि गुरुकुल परंपरा में बच्चों के समग्र और चारित्रिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता था। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को समाज और देश के योग्य बनाना और भारतीय संस्कृति का संरक्षण करना है।

नई शिक्षा नीति पर विचार

एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. डी. पी. सकलानी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बच्चों की प्रतिभाओं और कौशल को निखारने वाला बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा को आनंददायक बनाती है, जिससे छात्र रटने की जगह रुचि लेकर समझने पर ध्यान केंद्रित करें।

कार्यक्रम का समापन

अधिवेशन में देशभर से आए शिक्षकों, विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं और संगठन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शिवचरण कौशिक ने किया और अंत में महामंत्री गीता भट्ट ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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