जयपुर के SMS अस्पताल ट्रॉमा सेंटर में लगी आग की घटना ने अब न्यायपालिका का ध्यान भी खींचा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस हादसे पर गंभीर टिप्पणी की है। सोमवार को जस्टिस महेंद्र गोयल और जस्टिस अशोक जैन की बेंच झालावाड़ स्कूल हादसे पर स्वतः संज्ञान (स्वप्रेरणा) से दर्ज याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने SMS ट्रॉमा सेंटर में हाल ही में हुए अग्निकांड का उल्लेख किया और सरकारी भवनों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सवाल उठाए। बेंच ने कहा— “सरकारी बिल्डिंग में यह क्या हो रहा है? कहीं आग लग रही है, कहीं छत गिर रही है। SMS का ट्रॉमा सेंटर तो नया बना है, वहां भी ऐसा हादसा हो गया।”
हाईकोर्ट की इस मौखिक टिप्पणी ने एक बार फिर सरकारी इमारतों में निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर बहस छेड़ दी है। अदालत ने यह भी इशारा किया कि ऐसी घटनाएं सरकार और संबंधित विभागों की लापरवाही को उजागर करती हैं।
गौरतलब है कि SMS ट्रॉमा सेंटर में लगी आग में 8 मरीजों की मौत हुई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने अस्पताल अधीक्षक और ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज को हटाने, अधिशाषी अभियंता को निलंबित करने और फायर सेफ्टी एजेंसी के खिलाफ FIR दर्ज करने जैसी कार्रवाइयाँ की हैं।