Thursday, 13 November 2025

बीसलपुर बांध से 123 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा, 22 साल में तीसरा बड़ा रिकॉर्ड


बीसलपुर बांध से 123 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा, 22 साल में तीसरा बड़ा रिकॉर्ड

टोंक।अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध इस वर्ष अपने इतिहास का नया अध्याय लिख रहा है। बांध से लगातार 70 दिन से अधिक समय से गेट खुले हुए हैं और अब तक 123 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा जा चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 10 दिन तक भी गेट बंद होने की संभावना नहीं है। यह बीसलपुर बांध के 22 साल के जीवन का तीसरा बड़ा रिकॉर्ड है।

लंबे समय तक गेट खुले रहने का रिकॉर्ड

बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि इस वर्ष 24 जुलाई को बांध का एक गेट खोला गया था, जो अभी तक खुला है। 2019 में 64 दिन तक गेट खुले रहने का रिकॉर्ड था, जिसे इस साल तोड़ दिया गया। यह लगातार दूसरा साल है जब बांध से पानी छोड़ा गया है।

पेयजल और सिंचाई का मुख्य स्रोत

बीसलपुर बांध से रोजाना 950 से 1000 एमएलडी पानी टोंक, अजमेर और जयपुर जिलों में भेजा जा रहा है। इससे तीनों जिलों के करीब एक करोड़ से अधिक लोगों को पेयजल मिल रहा है। वहीं, 81,800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। दायीं नहर (51 किमी) और बायीं नहर (18.65 किमी) के जरिए सिंचाई कार्य किया जाता है।

बांध की क्षमता और संरचना

बांध की कुल भराव क्षमता 38.708 टीएमसी (315.50 आरएल मीटर) है। बांध की लंबाई 576 मीटर और ऊंचाई 322.50 मीटर है। इसमें 18 गेट (15x14 मीटर आकार के) हैं। जलभराव क्षेत्र में 68 गांव डूब चुके हैं, जिनमें 25 पूर्ण रूप से और 43 आंशिक रूप से प्रभावित हैं। बांध का जलभराव क्षेत्र लगभग 25 किलोमीटर में फैला है, जिससे 21,030 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है।

आठवीं बार गेट खोले गए

2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ था और तब से अब तक यह आठवीं बार छलक चुका है। विभिन्न वर्षों में छोड़े गए पानी की मात्रा इस प्रकार रही—

  • 2004: 26.18 टीएमसी

  • 2006: 43.25 टीएमसी

  • 2014: 11.202 टीएमसी

  • 2016: 134.238 टीएमसी

  • 2019: 93.605 टीएमसी

  • 2022: 13.246 टीएमसी

  • 2024: 31.433 टीएमसी

  • 2025: अब तक 123 टीएमसी

किसानों के लिए राहत

बीसलपुर बांध के भरने से इस साल भी किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। बंसल ने बताया कि टोंक जिले के किसानों के लिए 8 टीएमसी पानी सिंचाई हेतु और 16.2 टीएमसी पानी पेयजल हेतु आरक्षित है।

    Previous
    Next

    Related Posts