



टोंक।अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध इस वर्ष अपने इतिहास का नया अध्याय लिख रहा है। बांध से लगातार 70 दिन से अधिक समय से गेट खुले हुए हैं और अब तक 123 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा जा चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 10 दिन तक भी गेट बंद होने की संभावना नहीं है। यह बीसलपुर बांध के 22 साल के जीवन का तीसरा बड़ा रिकॉर्ड है।
बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि इस वर्ष 24 जुलाई को बांध का एक गेट खोला गया था, जो अभी तक खुला है। 2019 में 64 दिन तक गेट खुले रहने का रिकॉर्ड था, जिसे इस साल तोड़ दिया गया। यह लगातार दूसरा साल है जब बांध से पानी छोड़ा गया है।
बीसलपुर बांध से रोजाना 950 से 1000 एमएलडी पानी टोंक, अजमेर और जयपुर जिलों में भेजा जा रहा है। इससे तीनों जिलों के करीब एक करोड़ से अधिक लोगों को पेयजल मिल रहा है। वहीं, 81,800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। दायीं नहर (51 किमी) और बायीं नहर (18.65 किमी) के जरिए सिंचाई कार्य किया जाता है।
बांध की कुल भराव क्षमता 38.708 टीएमसी (315.50 आरएल मीटर) है। बांध की लंबाई 576 मीटर और ऊंचाई 322.50 मीटर है। इसमें 18 गेट (15x14 मीटर आकार के) हैं। जलभराव क्षेत्र में 68 गांव डूब चुके हैं, जिनमें 25 पूर्ण रूप से और 43 आंशिक रूप से प्रभावित हैं। बांध का जलभराव क्षेत्र लगभग 25 किलोमीटर में फैला है, जिससे 21,030 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है।
2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ था और तब से अब तक यह आठवीं बार छलक चुका है। विभिन्न वर्षों में छोड़े गए पानी की मात्रा इस प्रकार रही—
2004: 26.18 टीएमसी
2006: 43.25 टीएमसी
2014: 11.202 टीएमसी
2016: 134.238 टीएमसी
2019: 93.605 टीएमसी
2022: 13.246 टीएमसी
2024: 31.433 टीएमसी
2025: अब तक 123 टीएमसी
बीसलपुर बांध के भरने से इस साल भी किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। बंसल ने बताया कि टोंक जिले के किसानों के लिए 8 टीएमसी पानी सिंचाई हेतु और 16.2 टीएमसी पानी पेयजल हेतु आरक्षित है।