विधानसभा में अतिरिक्त कैमरों लगाए जाने के विवाद ने राजनीतिक माहौल गरम कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि विधानसभा में कथित जासूसी कैमरे लगाए जाने के मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि यह घटना लोकतंत्र और विधायी मर्यादा पर गंभीर प्रश्न उठाती है।
प्रतिपक्ष नेता जूली ने बताया कि विपक्ष के प्रतिनिधि पहले ही राज्यपाल से मिले और उन्हें पूरे प्रकरण की जानकारी देकर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच की मांग रखी गई थी, लेकिन अब राज्यपाल से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का समय माँगा है। प्रतिपक्ष नेता जूली ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने पर भी वे उस कार्रवाई की मांग करेंगे जो विधानसभा में लगे इन एक्स्ट्रा कैमरों की पेचीदगियों, किसके निर्देश पर लगे और किस उद्देश्य से रिकॉर्डिंग हुई—इन सभी पहलुओं की निष्पक्ष जाँच कराए।
प्रतिपक्ष नेता जूली ने इस मामले को न सिर्फ विपक्षी विधायकों की निजता का उल्लंघन बताया, बल्कि जनता के विश्वास के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि संसद और विधानसभाओं जैसे संवैधानिक संस्थानों में ही जासूसी जैसा माहौल बनता है तो लोकतंत्र की आत्मा कमजोर पड़ जाती है, इसलिए विपक्ष इस लड़ाई को लोकतंत्र और जनता के हित में अंतिम दम तक लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतिपक्ष नेता जूली ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी कीमत पर विधायकों की गरिमा और सदन की पवित्रता पर आंच आने नहीं देंगे और जल्द से जल्द तथ्यों के अनुसार स्वतंत्र जांच व जवाबदेही की मांग को पूरा कराकर जनता को संतोष देंगे।