



जयपुर। राजस्थान में सितम्बर का महीना इस बार केवल मौसम बदलने का प्रतीक नहीं, बल्कि आमजन के जीवन में नई रोशनी लेकर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में शुरू हुआ “शहरी सेवा शिविर 2025” एक ऐतिहासिक जनकल्याण अभियान साबित हो रहा है। इन शिविरों ने हजारों परिवारों की अधूरी उम्मीदों और वर्षों से लंबित मामलों को त्वरित समाधान देकर वास्तविक मुस्कान में बदल दिया है।
17 सितम्बर से प्रदेशभर में चल रहे शिविरों में अब तक 8,267 पट्टे स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें—धारा 69-ए के अंतर्गत 768 परिवारों को पट्टों का हक मिला।
587 अपंजीकृत पट्टों का पुनर्वैधीकरण कर पंजीकरण किया गया।
221 कच्ची बस्तियों को कानूनी पहचान प्रदान की गई।
कृषि भूमि पर बसी स्वीकृत योजनाओं में 4,834 पट्टे जारी हुए।
निकाय, न्यास एवं प्राधिकरण योजनाओं के अंतर्गत 941 पट्टे दिए गए।
पूर्व में जारी पट्टों के समर्पण के बाद 206 नए पट्टे पुनः जारी हुए।
455 प्रकरणों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में बदला गया।
255 पट्टे स्टेट ग्रांट के तहत स्वीकृत किए गए।
यह उपलब्धियाँ बताती हैं कि सरकार ने जनता को वर्षों की प्रतीक्षा से मुक्त कराकर त्वरित न्याय और सुविधा उपलब्ध कराई है।
यह अभियान केवल पट्टों तक सीमित नहीं रहा। सरकार ने स्वच्छ, सुगम और हरित नगरीय जीवन की दिशा में भी ऐतिहासिक पहल की है।1,792 सड़क मरम्मत और सुधार प्रकरणों का निस्तारण हुआ।जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से जुड़े 42,347 मामलों का तुरंत समाधान किया गया।1,702 नाला-नाली मरम्मत प्रकरण निस्तारित हुए।अभियान के दौरान 55,222 पौधों का वृक्षारोपण किया गया।
मुख्यमंत्री स्वनिधि योजना के 1,068 प्रकरण स्वीकृत। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के 813 प्रकरण स्वीकृत।
इनके जरिए छोटे कारोबारियों, रेहड़ी-पटरी वालों और श्रमिक वर्ग को सीधी राहत पहुंचाई गई।
पाली निवासी नंदलाल ने बताया कि वे 52 साल से पैतृक घर का पट्टा मिलने का इंतजार कर रहे थे। शिविर में अधिकारियों ने उनकी फाइल देखकर उसी दिन पट्टा जारी कर दिया। नंदलाल ने कहा—“आज पहली बार लगता है कि यह घर सचमुच मेरा है।”
इस तरह के अनुभव साबित करते हैं कि “शहरी सेवा शिविर 2025” केवल प्रशासनिक अभियान नहीं, बल्कि जनता और सरकार की साझी प्रतिबद्धता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में यह संकल्प लिया गया है कि अब किसी भी परिवार को अपने अधिकार के लिए वर्षों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।