



जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एक समय था जब देश में टेलीफोन कनेक्शन पाना बेहद मुश्किल होता था। सांसदों के सिफारिशी पत्र और रिश्वत के बिना टेलीफोन मिलना नामुमकिन था। लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल दो घंटे में ही टेलीफोन कनेक्शन उपलब्ध हो जाता है। मुख्यमंत्री सीतापुरा के जेईसीसी में आयोजित बीएसएनएल की स्वदेशी 4G नेटवर्क सेवा के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि बीएसएनएल की स्थापना 1 अक्टूबर 2000 को हुई थी और कभी यह देश का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल ऑपरेटर और सबसे बड़ा ब्रॉडबैंड सेवा प्रदाता था। ग्रामीण इलाकों में बीएसएनएल की पहुंच सबसे मजबूत थी। लेकिन यूपीए सरकार के घोटालों और पारदर्शिता की कमी ने इसे भारी नुकसान पहुंचाया। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सरकार के दौरान दूरसंचार घोटालों में लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि 90 के दशक में जब दुनिया इंटरनेट से आगे बढ़ रही थी, भारत डायल-अप इंटरनेट में अटका हुआ था। उस समय भी कांग्रेस सरकार के घोटालों ने देश को पीछे धकेला। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने स्थिति बदली और टेलीकॉम में स्वदेशी आंदोलन की नींव रखी। वाजपेयी सरकार ने बीएसएनएल की स्थापना की और आधुनिकता, कनेक्टिविटी व क्वालिटी पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में कम्युनिकेशन क्रांति आई। इंटरनेट की पहुंच हर घर तक पहुंच गई और इसे किसानों के सम्मान, महिलाओं के कल्याण और भारत के नव-निर्माण का माध्यम बनाया गया। बीएसएनएल और एमटीएनएल को हजारों करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज दिया गया और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दिया गया।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि डिजिटल इंडिया का मतलब है देश के सबसे सुदूर क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी पहुंचाना। उन्होंने उदाहरण दिए कि—
करौली और धौलपुर का किसान मंडी के भाव ऑनलाइन देख सकता है।बांसवाड़ा का आदिवासी छात्र ऑनलाइन क्लास ले सकता है।बाड़मेर का किसान अपने मोबाइल पर रियल टाइम मौसम अपडेट देख सकता है।उन्होंने कहा कि यही असली सशक्तिकरण है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि राजस्थान में 5,655 बीएसएनएल टावर लगाए जा चुके हैं। यह केवल संख्या नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। बीएसएनएल की 4G तकनीक पूरी तरह स्वदेशी है और इसे भारतीय संस्थानों व कंपनियों ने विकसित किया है। यह तकनीक इतनी उन्नत है कि केवल सॉफ्टवेयर अपडेट से 4G टावर 5G में बदले जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अब उन पांच देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने पूरी तरह से स्वदेशी 4G तकनीक विकसित की है। यह हमारी तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। लोकार्पण समारोह में केंद्रीय कानून राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी मौजूद रहे।