जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की तरफ लगाए गए एक्सट्रा कैमरों को लेकर सियासी घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है। अब कांग्रेस की महिला विधायकों ने इस मसले पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर सीधे सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधायक शिमला नायक और गीता बरवड़ ने आरोप लगाया कि सदन में पहले से नौ कैमरे लगे हुए थे, लेकिन हाल ही में दो हाई-रिजोल्यूशन कैमरे ऐसे लगाए गए हैं, जिन्हें वे ‘जासूसी कैमरे’ बता रही हैं। इनका एक्सेस विधानसभा अध्यक्ष के रेस्ट रूम में है और वहां से मंत्री और भाजपा विधायक विपक्षी विधायकों की निजी बातें सुनते और रिकॉर्डिंग देखते हैं।
शिमला नायक के आरोप: कांग्रेस विधायक शिमला नायक ने कहा कि विधानसभा सदन में जब भी वे रणनीति बनाती हैं, व्यक्तिगत बातचीत करती हैं या कागज पर नोट लिखती हैं, तो ये जासूसी कैमरे सब कुछ रिकॉर्ड कर लेते हैं। इतना ही नहीं, पेन गिरने जैसी आवाज भी रिकॉर्ड हो जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि इन कैमरों को किसकी अनुमति से लगाया गया और इसकी हार्ड डिस्क क्यों नहीं दिखाई जा रही है। नायक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी साफ कह चुका है कि बिना अनुमति किसी की निजी रिकॉर्डिंग नहीं हो सकती, यह संविधान के अनुच्छेद 21 के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है।
गीता बरवड़ की आपत्ति: कांग्रेस विधायक गीता बरवड़ ने कहा कि दोनों जासूसी कैमरे विपक्ष की तरफ ही केंद्रित रहते हैं और सदन स्थगित होने के बाद भी चालू रहते हैं। उन्होंने कहा कि इससे महिला विधायकों की निजता का हनन हो रहा है। बरवड़ ने सवाल उठाया कि क्या महिलाओं की निजता सिर्फ बाथरूम और बैडरूम तक ही सीमित रह जाएगी? उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की तरफ से महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं, जो बेहद शर्मनाक है। बरवड़ ने स्पष्ट किया कि जब तक ये कैमरे हटाए नहीं जाते, कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा।
संविधानिक अधिकार और राजनीतिक तकरार: कांग्रेस महिला विधायकों का कहना है कि इस तरह की जासूसी न केवल सदन की परंपराओं के खिलाफ है, बल्कि संविधान प्रदत्त मूल अधिकारों का उल्लंघन भी है। उनका आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष और सत्ता पक्ष विपक्ष को कमजोर करने के लिए निजी रणनीति तक पर नजर रख रहे हैं। व इस मसले पर भाजपा नेताओं की बयानबाजी ने भी विवाद को और गहरा दिया है।