जोधपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक (5–7 सितम्बर 2025) के उपरांत लालसागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में अ. भा. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने शिक्षा, समाज और राष्ट्र जीवन से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बैठक में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न संगठनों — अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, विद्या भारती, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, भारतीय शिक्षण मंडल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद — ने अपने अनुभव साझा किए। मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित करने, भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने, पाठ्यपुस्तकों के पुनर्लेखन और शिक्षक प्रशिक्षण को लेकर चल रहे प्रयासों पर चर्चा हुई।
वार्ता में पंजाब में बढ़ते मतांतरण और युवाओं में नशे की समस्या पर चिंता जताई गई। सेवा भारती और विद्यार्थी परिषद द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति और समाज जागृति अभियानों का उल्लेख किया गया।
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और नागरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई गई।
पूर्वोत्तर राज्यों में घटती हिंसा और बढ़ते विकास को सकारात्मक माना गया, जबकि मणिपुर की हाल की घटनाओं पर संवाद आधारित शांति प्रयासों की सराहना की गई।
जनजातीय क्षेत्रों में नक्सली और माओवादी हिंसा में आई कमी को रेखांकित किया गया, लेकिन समाज को भ्रमित करने के प्रयासों को लेकर सावधान किया गया। वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा जनजातीय छात्रावासों और अधिकारों के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया।
आंबेकर ने बताया कि संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे।
औपचारिक शुभारंभ 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव से किया जाएगा।
महिला सहभागिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि क्रीड़ा भारती द्वारा महिला खिलाड़ियों में योग और अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत महिला कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए 887 कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि संगठनों में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है।
मतांतरण, घुसपैठ और काशी-मथुरा जैसे संवेदनशील विषयों पर स्पष्ट किया गया कि इनका समाधान संघर्ष से नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया और आपसी संवाद से होना चाहिए। शिक्षा में मातृभाषा को प्राथमिकता देने और सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करने पर बल दिया गया।
6 सितम्बर की रात्रि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकगायक अनवर खान ने प्रस्तुति दी, जिनका सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अभिनंदन किया।
पत्रकार वार्ता के समापन पर सुनील आंबेकर ने कहा कि “दिशा सकारात्मक है, हालांकि कुछ विषयों पर और काम अपेक्षित है। शताब्दी वर्ष के प्रयास सतत जारी रहेंगे।”
इस अवसर पर जोधपुर प्रांत संघचालक हरदयाल वर्मा, अ. भा. सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी और सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर भी उपस्थित रहे।