जयपुर। विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को जयपुर जिले के शाहपुरा उपजिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर निर्माण का मुद्दा गरमा गया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने आरोप लगाया कि “भूमाफिया दानदाता बनकर पहले आरटीओ को मनचाही जगह ले गए, अब उसी जगह अस्पताल को भी ले जाना चाहते हैं।”
कांग्रेस विधायकों ने विरोधाभासी जवाबों पर मंत्री को घेरा, टेंडर रद्द होने से निर्माण कार्य अटका
स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने कहा कि शाहपुरा में उपजिला अस्पताल और ट्रॉमा अस्पताल के निर्माण के लिए निविदा जारी की गई थी, लेकिन पर्याप्त जमीन उपलब्ध न होने के कारण निविदा निरस्त करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि उपयुक्त जमीन आवंटन होने के बाद फिर से निविदा निकाली जाएगी।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि ट्रॉमा सेंटर के लिए सही जमीन का चयन न होने के कारण परियोजना में देरी हुई है।
कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने मंत्री के जवाब पर सवाल खड़े करते हुए कहा 5 जुलाई को दिए आपके जवाब में शाहपुरा उपजिला अस्पताल की जमीन सही बताई गई थी, अब उसी को गलत बताया जा रहा है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक की राय लिए बिना जमीन बदलने का फैसला किया गया।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी मंत्री को घेरते हुए कहा कि सरकार के जवाब विरोधाभासी हैं और इससे जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है। विपक्ष ने मांग की कि सरकार स्पष्ट करे कि अस्पताल आखिर कहां बनेगा और देरी की असली वजह क्या है।
इस पूरे मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में हल्की नोकझोंक देखने को मिली। कांग्रेस विधायकों ने स्वास्थ्य मंत्री पर जवाब बदलने का आरोप लगाया, जबकि मंत्री ने भूमाफियाओं के दबाव में आने से इनकार किया और कहा कि “निर्माण कार्य तभी होगा जब उपयुक्त और पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।”