जोधपुर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों मारवाड़ के दौरे पर हैं। पिछले तीन दिनों से वे लगातार धार्मिक स्थलों की यात्रा और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही हैं। मंगलवार को उनके शेरगढ़ क्षेत्र के दौरे के दौरान एक सवाल ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी।
कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में ‘वसुंधरा राजे जिंदाबाद’ के साथ ‘बाबूसिंह राठौड़ जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस पर राजे मुस्कुराते हुए बोलीं – “एक मिनट रुको... बाबूसिंह जिंदाबाद... तो कहां है?” जब कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे जयपुर हैं, तो राजे ने चुटकी लेते हुए कहा – “आज तो छुट्टी है।”
उनकी इस टिप्पणी और चुप्पी ने राजनीतिक गलियारों में कयासों को जन्म दे दिया है कि आखिर राजे ने कार्यकर्ताओं के सामने यह सवाल क्यों उठाया।
राजे मंगलवार को मोहनगढ़, पोकरण और रामदेवरा दर्शन के बाद लौट रही थीं। देर रात जब वे शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के फलोदी रोड फांटा पहुंचीं, तो कार्यकर्ता स्वागत के लिए मौजूद थे। नारेबाजी के बीच उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किया और कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया।
जब एक कार्यकर्ता ने उन्हें देवनारायण बोर्ड की तर्ज पर एक अन्य बोर्ड को संवैधानिक दर्जा देने की मांग का ज्ञापन सौंपा, तो राजे ने फिर मुस्कुराते हुए कहा –सीएम साहब को बोलो।” इस पर कार्यकर्ताओं ने दोहराया – “हमारे सीएम तो आप ही हैं।
राजे की इस चुटकी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चर्चा है कि यह सिर्फ मजाकिया अंदाज नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है।
नेतृत्व की परीक्षा – राजे का कटाक्ष उनके समर्थकों को यह याद दिलाने का संकेत हो सकता है कि वे अपनी निष्ठा स्पष्ट करें।
पार्टी एकता की चुनौती – भाजपा के भीतर गुटबाजी और समन्वय की कमी का संकेत भी इन टिप्पणियों से देखा जा रहा है।
भविष्य की रणनीति – लगातार दौरे, संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात और कार्यकर्ताओं से संवाद, यह सब आने वाले समय में राजे की राजनीतिक दिशा की ओर इशारा कर सकता है।