जयपुर। राजस्थान में साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन 'साइबर संग्राम' के तहत अलवर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने एक गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो बैंक खाते खरीदकर उन्हें साइबर ठगों को बेचते थे और कमीशन पर पैसों की हेराफेरी करते थे। इस गिरोह ने अब तक करीब 85 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया है।
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि वैशाली नगर थाना और डीएसटी की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली। रविवार को डीएसटी प्रभारी को साइबर फ्रॉड से जुड़ी एक पुख्ता सूचना मिली। टीम बताए गए स्थान जे.एस. फोरव्हील कंपनी के पीछे पहुंची तो वहां एक सफेद बोलेरो कार में छह लोग संदिग्ध हालत में बैठे मिले। जांच करने पर उनके मोबाइल से संदिग्ध विवरण मिले।
आरोपियों को थाने लाकर उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच की गई। साइबर पोर्टल से पता चला कि इन खातों का इस्तेमाल कर करीब 85 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 1 चेकबुक, 2 एटीएम कार्ड, 2 बैंक पासबुक, 7 मोबाइल फोन और बोलेरो कार जब्त की। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे कमीशन पर बैंक खाते खरीदते-बेचते थे और ठगों तक पैसों की आपूर्ति करते थे।
पुलिस ने जिन छह आरोपियों को पकड़ा है, वे इस प्रकार हैं: शाहरुख खान मेव (28) निवासी अकबरपुर, अलवर,शाहरुख मेव (23) निवासी फिरोजपुर झिरका, नूंह (हरियाणा),कुर्बान अली मेव (31) निवासी बनेणी धोकला थाना नगर डीग,दाउद खां मेव (34) निवासी रायपुर सुकैती थाना नगर सीकरी डीग,रईस खां मेव (26) निवासी सैमला कलां थाना जालूकी डीग,जुमरत मेव (32) निवासी बिडगांवा थाना नगर डीग गिरफ्तार किया है।
इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में थानाधिकारी गुरुदत्त सैनी, डीएसटी प्रभारी कासम खां और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी है। यह गिरफ्तारी राजस्थान में बढ़ते साइबर अपराधों के खिलाफ पुलिस की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।