राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण का मास्टरमाइंड माने जाने वाले अमृत लाल मीणा (56), निवासी करौली की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। अमृतलाल पिछले दिनों वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। परिजन उसे जयपुर ले जा रहे थे, इसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
वाराणसी अस्पताल में भर्ती और जयपुर लाने के दौरान मौत: जानकारी के अनुसार, अमृतलाल मीणा को 21 से 23 अगस्त तक वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 24 अगस्त को परिजन उसे वेंटिलेटर पर जयपुर रेफर करवाकर ला रहे थे। यात्रा के दौरान आगरा के पास उसकी मौत हो गई।इसके बाद परिजन शव को हिंडौन सिटी जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
हत्या का आरोप और FIR दर्ज:मृतक के परिजनों ने मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अमृतलाल को जहर देकर मारने की साजिश रची गई है। उन्होंने नादौती थाने (करौली) में हत्या का मामला दर्ज कराया।नादौती थानाधिकारी वीर सिंह गुर्जर ने बताया कि परिजनों की रिपोर्ट पर 0 नंबर की एफआईआर दर्ज कर केस को वाराणसी (सिगारा थाना) भेजा गया है, क्योंकि घटनाक्रम वहीं का है।अब आगे की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस करेगी।
गिरोह से जुड़े नामों पर भी शक: परिजनों ने रिपोर्ट में बताया कि आरके सिंह बिहारी नामक व्यक्ति ने 23 अगस्त को फोन कर अमृतलाल के वाराणसी के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी थी।24 अगस्त को परिजन जब वाराणसी पहुंचे, तब तक अमृतलाल की हालत गंभीर बनी हुई थी।बताया जा रहा है कि आरके सिंह बिहारी भी लंबे समय से पेपर लीक गिरोह से जुड़ा हुआ है।पुलिस ने उससे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन बंद मिला।
पेपर लीक कांड में अहम भूमिका:अमृतलाल मीणा का नाम RPSC पेपर लीक प्रकरण में मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया था। उस पर आरोप था कि वह शिक्षा माफियाओं से जुड़ा हुआ था और विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने में सक्रिय भूमिका निभाता था। उसकी मौत से अब पूरे मामले की जांच की दिशा और जटिल हो गई है।