राजस्थान देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां स्कूल स्तर पर 17 वर्ष के विद्यार्थियों का अग्रिम मतदाता पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके तहत 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही विद्यार्थियों को स्वतः उनका मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) प्राप्त हो जाएगा। इस व्यवस्था के लिए निर्वाचन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच सोमवार को सचिवालय में समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ।
MoU पर हस्ताक्षर: इस समझौते पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन और सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग कृष्ण कुणाल ने हस्ताक्षर किए। यह संयुक्त एमओयू राज्य के सभी सरकारी और निजी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लागू होगा।
निर्वाचन साक्षरता क्लब की भूमिका: बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के पर्यवेक्षण में कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को शामिल करते हुए निर्वाचन साक्षरता क्लब (Electoral Literacy Clubs – ELCs) गठित कर संचालित किए जा रहे हैं।
इन क्लबों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए शाला दर्पण पोर्टल और प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर विशेष ELC एंट्री मॉड्यूल उपलब्ध कराया गया है।इससे विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों और मतदान प्रक्रिया के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में मतदाता शिक्षा: महाजन ने कहा कि राजस्थान डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसने स्कूल स्तर पर ईएलसी के सुदृढ़ीकरण की दिशा में कार्य किया है।अब 17 वर्ष की आयु पूरी कर चुके विद्यार्थियों का अग्रिम पंजीकरण आसान होगा।18 वर्ष पूर्ण करते ही उनका वोटर आईडी कार्ड स्वतः तैयार होकर उन्हें मिल जाएगा।भविष्य में भारत निर्वाचन आयोग और शिक्षा मंत्रालय के निर्देशन में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में मतदाता शिक्षा से संबंधित अध्याय जोड़े जाने का प्रस्ताव है।
शिक्षा विभाग की तैयारी: सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि सत्र 2025-26 के शिविरा कैलेंडर में ईएलसी गतिविधियों को पहले ही शामिल कर लिया गया है।इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत भी मतदाता जागरूकता से जुड़े अध्याय जोड़े जा रहे हैं।इस पहल से विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक व्यवस्था की गहरी समझ और मतदान के अधिकार का महत्व समझने में मदद मिलेगी।