Thursday, 21 August 2025

आर्मी भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाला गिरोह बेनकाब–अलवर में मिलिट्री इंटेलिजेंस, सीआईडी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई


आर्मी भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगने वाला गिरोह बेनकाब–अलवर में मिलिट्री इंटेलिजेंस, सीआईडी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

अलवर।भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती के नाम पर युवाओं को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। अलवर पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और सीआईडी (विशेष शाखा) की संयुक्त कार्रवाई में इस रैकेट का भंडाफोड़ कर दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह युवाओं को मेडिकल और शारीरिक परीक्षणों में पास कराने का झूठा वादा कर बड़ी ठगी कर रहा था।

अग्निवीर भर्ती रैली के दौरान हुआ खुलासा: अलवर में 5 से 22 अगस्त तक अग्निवीर भर्ती रैली चल रही थी। इस दौरान युवाओं को ठगी से बचाने के लिए विशेष सतर्कता रखी गई। थाना अरावली विहार को शिकायत मिली कि जुनैद खां नामक व्यक्ति ने एक युवक से मेडिकल टेस्ट में पास कराने के नाम पर 1 लाख रुपए की मांग की और 50,000 रुपए एडवांस ले लिए। जुनैद ने दावा किया कि उसकी “ऊपर तक पहचान” है, लेकिन जब युवक शारीरिक परीक्षण में ही अनफिट हो गया और पैसे लौटाने की मांग की, तो आरोपी ने इनकार कर दिया।

दो आरोपी गिरफ्तार, नेटवर्क का खुलासा: पुलिस ने शिकायत मिलते ही कार्रवाई शुरू की और वृत्ताधिकारी उत्तर शहर अंगद शर्मा के मार्गदर्शन में गठित टीम ने जुनैद खां पुत्र दलखां मेव (25), निवासी अलावडा थाना रामगढ़, जिला अलवर और उसके साथी सुनील कुमार पुत्र जगदीश (46), निवासी पाई थाना जुरहैरा, जिला डीग, हाल निवासी होडल जिला पलवल (हरियाणा) को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में सामने आया कि जुनैद अलवर में एकेडमी और पीजी चलाता है। वह सुनील और अपने अन्य साथियों विष्णु फौजी व रतिराम बैंसला के साथ मिलकर युवाओं को फंसाता था। आरोपी खुद को फौजी बताकर और अधिकारियों से परिचय का दावा कर युवाओं से पैसे वसूलते थे।

पुलिस की सख्त चेतावनी: जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। गिरोह का पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उन सभी युवाओं के लिए चेतावनी है जो शॉर्टकट के लालच में अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं।

संयुक्त टीम का योगदान: इस ऑपरेशन में थाना अरावली विहार के थानाधिकारी रामेश्वर लाल, उपनिरीक्षक भगवान सिंह, कांस्टेबल हवासिंह और प्रथ्वीराज, थाना कोतवाली के उपनिरीक्षक रोहित, एएसआई कामस खां, हैड कांस्टेबल जान मोहम्मद और कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार शामिल थे।

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