Thursday, 14 August 2025

राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में कहा – राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण अभी छात्रसंघ चुनाव संभव नहीं


राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में कहा – राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण अभी छात्रसंघ चुनाव संभव नहीं

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने से साफ इंकार कर दिया है। मंगलवार को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू करने का हवाला दिया और कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में चुनाव करवा पाना संभव नहीं है। सरकार ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिश का उल्लेख करते हुए कहा कि सत्र शुरू होने के 8 सप्ताह के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन फिलहाल यह भी संभव नहीं दिख रहा है।

सरकार ने अपने जवाब में 9 विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं की सिफारिशें भी शामिल की हैं। इन सिफारिशों में कुलगुरुओं ने शैक्षणिक सत्र, कक्षाओं के कार्यक्रम और परीक्षाओं के समय-निर्धारण का हवाला देते हुए चुनाव टालने की राय दी है। इस मामले में अब 14 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शांतनु पारीक ने तर्क दिया कि सरकार कुलगुरुओं की सिफारिश के आधार पर चुनाव नहीं करवा रही है, जबकि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारी संघों के चुनाव समय पर होते हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं चाहता कि छात्र अपनी आवाज उठा सकें और अपने मुद्दे प्रभावी तरीके से रख सकें। उन्होंने कहा कि कोर्ट में अपनी बात पुरजोर तरीके से रखेंगे।

कुलगुरुओं की राय: राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की कुलगुरु प्रोफेसर अल्पना कटेजा ने कहा कि वर्ष 2023-24 में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के कारण छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे। उनके अनुसार, चुनावों में छात्र मतदाता टर्नआउट केवल 25 से 30 प्रतिशत ही रहता है और चुनाव होने पर परीक्षा परिणाम में देरी होती है। इससे राज्य के छात्र अन्य राज्यों में प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित रह जाते हैं

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