लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की एक अदालत में कहा कि उन्हें सावरकर मानहानि केस को लेकर जान का खतरा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत करने वाले नाथूराम गोडसे के वंशज हैं। राहुल ने एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट से अपील की कि उनकी सुरक्षा और केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन दी जाए, क्योंकि यह राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है।
राहुल के वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट को लिखित सूचना देकर बताया कि "वोट चोरी" का मामला उजागर करने के बाद राहुल गांधी के खिलाफ खतरा और बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि बीजेपी नेता आरएन बिट्टू ने राहुल को आतंकवादी कहा था, जबकि बीजेपी नेता तरविंदर मारवाह ने खुली धमकी दी थी कि अगर राहुल ने सही व्यवहार नहीं किया तो उनका अंजाम उनकी दादी जैसा हो सकता है।
याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता सत्यकी का संबंध सावरकर और गोडसे परिवार से है और वह अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं। इसमें उल्लेख किया गया कि महात्मा गांधी की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी और ऐसे पारिवारिक इतिहास को देखते हुए राहुल को नुकसान पहुंचाने या गलत तरीके से फंसाए जाने की आशंका है।
राहुल गांधी ने पहले कहा था कि "सच्चा हिंदू कभी हिंसक नहीं होता, नफरत नहीं फैलाता," और आरोप लगाया था कि बीजेपी नफरत और हिंसा फैलाती है। इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने उन पर हिंदू समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया था।