रक्षाबंधन से पहले “विशेष योग्यजन बहन सम्मान दिवस” के अवसर पर जामडोली स्थित सामाजिक न्याय संकुल परिसर में एक भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब दिव्यांग बहनों ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को राखी बांधी। ना मंचीय औपचारिकता रही, ना कोई दिखावा — केवल आत्मीयता, अपनापन और संवेदना से भरा यह आयोजन भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को दर्शाता रहा।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि विशेष योग्यजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और एक समावेशी तथा संवेदनशील समाज के निर्माण में उनकी भागीदारी बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बहनों से संवाद करते हुए कहा, “आपका यह भाई आपकी सुरक्षा, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है।” इस दौरान बच्चियों ने भी मुख्यमंत्री के सामने अपनी मासूम इच्छाएं व्यक्त कीं — किसी ने कुरकुरे और मिठाई खाने की इच्छा जताई तो किसी ने घूमने जाने की। मुख्यमंत्री ने सभी ख्वाहिशें पूरी करने का वादा किया।
कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चियों ने बैंड वादन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, और लक्ष्मी नामक बच्ची द्वारा गाया गया गीत ‘आ चल के तुझे मैं ले के चलूं एक ऐसे गगन के तले...’ सभी को भावुक कर गया।
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने इस अवसर पर:
मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल दिव्यांगों को भेंट कीं।
डिजिटल हियरिंग और लर्निंग किट्स प्रदान कीं।
सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
और अंत में सभी को खीर प्रसादी वितरित की।
कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, निदेशक श्री आशीष मोदी, तथा ‘अपना घर’ संस्थापक डॉ. बी.एम. भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अंत में प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे एकात्म मानववाद को अपनाते हुए, प्रत्येक जरूरतमंद के प्रति सहानुभूति और सहायता की भावना रखें।