चित्तौड़गढ़ स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी पर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा द्वारा लगाए गए फर्जी डिग्री और अनियमितता के आरोपों के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से निष्पक्ष जांच की मांग की है। यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. अशोक गादिया ने प्रेस के माध्यम से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 29 जुलाई को परिसर में जो विवाद हुआ, वह कुछ असामाजिक और असंतुष्ट तत्वों की पूर्व नियोजित साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हीं लोगों ने मंत्री को आधी-अधूरी और भ्रमित करने वाली जानकारी दी, जिससे मंत्री गुमराह हो गए और उन्होंने बिना तथ्यात्मक जांच के यूनिवर्सिटी की छवि को ठेस पहुंचाने वाले बयान सार्वजनिक रूप से दे दिए।
डॉ. गादिया ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि हजारों विद्यार्थियों के भविष्य की धरोहर है। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा इस पूरे मामले की 15 दिनों के भीतर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाएं ताकि यूनिवर्सिटी को अनावश्यक बदनामी से बचाया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूनिवर्सिटी किसी भी जांच के लिए तैयार है और संस्थान पूरी पारदर्शिता और शैक्षणिक अनुशासन के साथ संचालित हो रहा है।
गौरतलब है कि कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में मेवाड़ यूनिवर्सिटी का दौरा किया था, जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर फर्जी डिग्री बांटने, डिप्लोमा में अनियमितता और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की अनुमति के बिना कोर्स चलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। मंत्री ने जांच एजेंसी SOG पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि “ये डिग्रियां केवल गड्डी हैं, जिनकी कोई मान्यता नहीं है और यह "तमाशा अब नहीं चलेगा।