चित्तौड़गढ़। बीकानेर के एक छात्र की शिकायत पर राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मंगलवार को चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय पर औचक निरीक्षण किया। छात्र स्वतंत्र बिश्नोई ने मंत्री को शिकायत दी थी कि बीकानेर के एक दलाल ने उससे ₹50,000 लेकर कृषि डिप्लोमा दिलाने का वादा किया, जबकि वह वाणिज्य संकाय का छात्र था।
बिश्नोई का आरोप है कि विश्वविद्यालय में उसकी कोई कक्षाएं नहीं हुईं और सीधे परीक्षा में बुलाया गया। उसने उत्तर पुस्तिका में जवाब भी ठीक से नहीं दिए, फिर भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण घोषित कर डिग्री थमा दी गई। इस खुलासे के बाद कृषि मंत्री खुद मीडिया और टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
इस डिप्लोमा से कृषि विभाग खाद, बीज और पेस्टीसाइड के डीलर का लाइसेंस देता है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने न तो आईसीएआर से एक्रिडिएशनल ले रखी ना ही आईसीएआर के एक्रिडिएशनल के नियमों के हिसाब से लैंड,लैब,टीचिंग और टेक्निकल स्टाफ उपलब्ध है और ना ही किसानो से लीज पर ली हुई जमीन 2/4 pic.twitter.com/UE9URtqIcU
— Dr. Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) July 29, 2025
मंत्री ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों से बातचीत की, जिसमें खुलासा हुआ कि एक वर्षीय डिप्लोमा के नाम पर केवल दो घंटे की पढ़ाई करवाई जा रही है। मंत्री मीणा ने इसे फर्जी डिग्री रैकेट करार देते हुए कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) से जांच करवाई जाएगी और प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
मौके पर मौजूद विश्वविद्यालय प्रशासन और कर्मचारियों में अचानक निरीक्षण से हड़कंप मच गया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि शिक्षा के नाम पर छात्रों को ठगने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
आज चित्तौड़गढ़ में मेवाड़ यूनिवर्सिटी में छापा मारकर फर्जी तरीक़े से डिप्लोमा और डिग्री देने के खेल का भंडाफोड़ किया।यूनिवर्सिटी 'एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फॉर इनपुट डीलर' के एक वर्षीय डिप्लोमा और बीएससी एग्रीकल्चर की डिग्री को फर्जीवाड़ा कर छात्रों को लूटा जा रहा था
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