लोकसभा में सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान देते हुए कहा कि "हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा", और यह कार्रवाई हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर की रक्षा के लिए की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करना था और भारतीय सेनाओं ने अपना लक्ष्य पूरा किया।
राजनाथ सिंह ने कहा- विपक्ष पूछ रहा है कि युद्ध में हमारे कितने फाइटर जेट गिरे? उन्होंने यह नहीं पूछा कि हमारे सशस्त्र बलों ने दुश्मनों के कितने जेट गिराए? परीक्षा में रिजल्ट की अहमियत होती है। कितनी पेंसिल टूटी या पेन गुमे, यह पूछना बेईमानी है।
सरकार को यह बताना चाहिए कि पांच आतंकी सीमा में कैसे घुसे: गौरव गोगोई
राजनाथ सिंह के इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि पांच आतंकी सीमा में कैसे घुसे, और अगर पाकिस्तान पर दबाव बनाया गया था, तो सीजफायर क्यों हुआ? उन्होंने पूछा कि अगर पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) पर कार्रवाई नहीं की गई तो कब की जाएगी। उन्होंने सरकार से ट्रंप द्वारा 26 बार सीजफायर का दावा करने पर भी स्पष्टीकरण मांगा।
हमले वाले दिन पहलगाम में सुरक्षा बल मौजूद क्यों नहीं थे? :अरविंद सावंत
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने सवाल उठाया कि हमले वाले दिन पहलगाम में सुरक्षा बल मौजूद क्यों नहीं थे? उन्होंने आश्चर्य जताया कि जहां आमतौर पर हर जगह जवान होते हैं, वहां उस दिन कोई क्यों नहीं था। सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने कहा कि सरकार ने 100 आतंकियों को मार गिराने का दावा किया, पर यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनमें हमले के जिम्मेदार आतंकी शामिल थे या नहीं।
पीएम बोलते नहीं, बल्कि एक्शन से जवाब देते हैं: ललन सिंह
जेडीयू सांसद ललन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी का बचाव करते हुए कहा कि पीएम बोलते नहीं, बल्कि एक्शन से जवाब देते हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक सराहना का उल्लेख किया। वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने अमेरिका के सामने पीएम मोदी के रवैये पर कटाक्ष करते हुए कहा कि व्हाइट हाउस के सामने उनका "56 इंच का सीना 36 इंच का हो जाता है"।
इससे पहले सदन में बिहार के वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) को लेकर हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा। बाद में दोपहर 2:05 बजे से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा संभव हो सकी। पूरी बहस के दौरान सरकार ने जहां सख्त कार्रवाई का दावा किया, वहीं विपक्ष ने पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की।