सीकर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को सीकर जिले के मंडावरा ग्राम में आयोजित जिलास्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार ने मिशन हरियालो राजस्थान की शुरुआत की है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष 10 करोड़ पौधरोपण का संकल्प है, जिसमें से हरियाली तीज पर एक ही दिन में 2.5 करोड़ पौधे लगाए गए, जो एक नया रिकॉर्ड है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि गत वर्ष प्रदेश में 7 करोड़ से अधिक पौधरोपण किया गया था, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सराहना की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण की परंपरा को सहेज रही है और जोधपुर के खेजड़ली में अमृतादेवी इंडिजिनस प्लांट म्यूजियम स्थापित किया जा रहा है। इसी क्रम में 22 नगर वनों की स्थापना का कार्य चल रहा है, और 18 नए प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने आगे कहा कि ‘एक जिला, एक प्रजाति’ योजना के तहत स्थानीय वनस्पति प्रजातियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। अरावली विकास परियोजना के लिए 250 करोड़ की योजना बनाई गई है, जिससे इस मानसून में 3,700 हेक्टेयर भूमि पर मृदा कार्य के बाद अगले वर्ष वृक्षारोपण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि 3,500 से अधिक स्थानीय लोगों को वन मित्र के रूप में जोड़ा गया है, जो वन्यजीव संरक्षण में सहायक भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी बताया कि राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को ज़मीन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल लाने हेतु यमुना जल समझौते और जल संरक्षण अभियानों, साथ ही राज्य में 1 लाख सरकारी नौकरियों के लक्ष्य की जानकारी दी। 75,000 से अधिक नियुक्तियां हो चुकी हैं और शेष प्रक्रिया प्रगति पर है।
राज्यमंत्री संजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान को हरित प्रदेश बनाने का संकल्प मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सफल हो रहा है। गुड़हल, नीम, जामुन, पीपल, कल्पवृक्ष आदि के पौधे लगाए गए। मुख्यमंत्री ने गुरुकुल विद्यार्थियों से मुलाकात कर उन्हें पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, विधायक गोरधन वर्मा, सुभाष मील और अन्य जनप्रतिनिधि, संत-महात्मा व ग्रामीण उपस्थित रहे।