जयपुर के अजमेर रोड और सिंधी कैंप बस स्टैंड पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक लोड को नियंत्रित करने के लिए 1 अगस्त 2025 से एक बड़ा बदलाव लागू किया जा रहा है। परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, रोडवेज और जेसीटीसीएल के साझा निर्णय के अनुसार, अजमेर रूट की सभी रोडवेज और प्राइवेट बसों का संचालन अब हीरापुरा बस स्टैंड से किया जाएगा। इस फैसले से 30-40 रोडवेज और 400 से अधिक प्राइवेट बसों का संचालन स्थानांतरित होगा। वहीं, दिल्ली, सीकर, आगरा और टोंक रोड की ओर जाने वाली बसें पहले की तरह सिंधी कैंप से ही संचालित होती रहेंगी।
शुक्रवार को झालाना स्थित आरटीओ प्रथम कार्यालय में इस विषय पर बैठक आयोजित की गई, जिसमें आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत, रोडवेज, ट्रैफिक पुलिस, जेसीटीसीएल और बस ऑपरेटरों ने भाग लिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार के आदेश अनुसार 1 अगस्त से हीरापुरा से संचालन अनिवार्य होगा।
ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन और टैक्सी यूनियनों ने इस निर्णय का विरोध किया है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि हीरापुरा में न तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर, न वेटिंग एरिया, न यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, और न ही सुरक्षा के उपाय हैं। ऑपरेटरों ने चेतावनी दी है कि यदि जबरन बसें शिफ्ट की गईं तो वे हड़ताल और चक्का जाम करेंगे।
प्रवीण अग्रवाल और राजेंद्र अग्रवाल जैसे प्रमुख बस यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार बस ऑपरेटरों पर दबाव बना रही है, लेकिन कोई स्थायी स्टैंड और सुविधा नहीं दे रही। यात्रियों के लिए भी हीरापुरा पहुंचना मुश्किल होगा क्योंकि यह सिंधी कैंप से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
ऑल राजस्थान टूरिस्ट कार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह मेहरौली ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस की मनमानी चालान कार्रवाई और सुरक्षा की कमी के कारण रोजाना हजारों यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने हीरापुरा में अलग स्टैंड और पुलिस चौकी की मांग की।
बस ऑपरेटरों ने सरकार से आग्रह किया है कि बिना बुनियादी सुविधाएं विकसित किए स्टैंड शिफ्टिंग का निर्णय न लिया जाए, अन्यथा वे प्रशासनिक कदमों का विरोध करेंगे।