Saturday, 19 July 2025

बासनपीर विवाद: सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी को पुलिस ने रोका, रामधुन और सर्वधर्म सभा से दिया शांति का संदेश


बासनपीर विवाद: सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी को पुलिस ने रोका, रामधुन और सर्वधर्म सभा से दिया शांति का संदेश

बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी को पुलिस ने फतेहगढ़ में रोक दिया। कांग्रेस नेताओं ने रामधुन और सर्वधर्म सभा से भाईचारे का संदेश दिया और प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया।

जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर उपजा विवाद एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक रूप से गर्मा गया है। शनिवार को बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और बायतु विधायक हरीश चौधरी को बासनपीर गांव की ओर बढ़ते समय पुलिस ने फतेहगढ़ में ही रोक दिया, जिससे मौके पर तीखी बहस और धक्का-मुक्की जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस प्रशासन ने पहले ही बासनपीर से करीब 100 किलोमीटर पहले भारी बेरिकेडिंग कर काफिले को रोका और धारा 163 लागू होने का हवाला दिया।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे गांधी रामधुन और सर्वधर्म प्रार्थना के ज़रिए क्षेत्र में भाईचारे और शांति का संदेश देने जा रहे थे, न कि किसी टकराव के लिए। उनके साथ पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे। फतेहगढ़ में थानाधिकारी सत्यप्रकाश ने काफिले को रोकते हुए लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए आगे न बढ़ने की चेतावनी दी।

इस घटनाक्रम के बाद बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि यह प्रशासनिक कार्रवाई थार की अपणायत में जहर घोलने की साजिश है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य टकराव नहीं बल्कि मोहब्बत और सौहार्द की मिसाल कायम करना है। चौधरी ने प्रशासन पर सत्ताधारी दलों के दबाव में एकतरफा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे।

सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने इस पूरी कार्रवाई को थार के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने पहले इतनी सख्ती दिखाई होती, तो यह विवाद इतना न बढ़ता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाहरी तत्वों ने स्थानीय लोगों को भड़काया, जिससे तनाव और बढ़ गया।

बेरिकेडिंग से महज 50 फीट की दूरी पर, कांग्रेस नेताओं ने दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक फतेहगढ़ मैदान में रामधुन और सर्वधर्म सभा आयोजित की। सभा में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग शामिल हुए, जिसमें शांति और एकता का संदेश दिया गया। सभा के पश्चात दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ बाड़मेर की ओर रवाना हो गए।

इस घटनाक्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि बासनपीर विवाद अब केवल धार्मिक या सामाजिक नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी गूंज पैदा कर रहा है। प्रशासन, सियासत और समाज तीनों को मिलकर इस विवाद का संतुलित और सौहार्दपूर्ण समाधान तलाशना होगा।



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