नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर लगी रोक हटाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि यदि फिल्म रिलीज होती है, तो यह मामले में चल रहे ट्रायल को प्रभावित कर सकती है, जो कि एक गंभीर बात होगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच ने कहा कि अगर फिल्म की रिलीज में देरी से फिल्म निर्माताओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है, तो मुआवजा दिए जाने की संभावना हो सकती है। लेकिन वर्तमान स्थिति में निष्पक्ष सुनवाई और न्यायिक प्रक्रिया की पवित्रता सर्वोपरि है।
अदालत ने यह निर्देश फिल्म निर्माता कंपनी फायर फॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका और आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट अब 21 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी को भी निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले में शीघ्र निर्णय लें।
आरोपी मोहम्मद जावेद ने अपनी याचिका में कहा कि यदि फिल्म रिलीज हुई तो ट्रायल प्रभावित होगा और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन होगा। इसके आधार पर मुकदमे के निपटारे तक रिलीज पर रोक बनाए रखने की मांग की गई।
28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की दुकान में घुसकर बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। यह हत्या मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने की थी।
एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने मामले की जांच करते हुए 11 आरोपियों के खिलाफ UAPA, हत्या, आतंकी गतिविधियों और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोपों में चार्जशीट दायर की। दो आरोपी – सलमान और अबू इब्राहिम – पाकिस्तान के कराची निवासी और फरार हैं।