जयपुर। डिजिटल इंडिया के युग में यूपीआई (UPI) लेनदेन हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन एक छोटी-सी गलती, जैसे गलत नंबर पर पैसे भेज देना, काफी परेशानी का कारण बन सकती है। ऐसे में घबराने की बजाय सतर्कता और सही कदम उठाकर अपनी राशि को वापस पाया जा सकता है। इसी उद्देश्य से राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने महानिरीक्षक श्री शरत कविराज के निर्देशन में एक विशेष एडवाइजरी जारी की है, जो नागरिकों को जागरूक करती है और मदद का भरोसा देती है।
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यदि गलती से किसी गलत खाते में ऑनलाइन भुगतान हो जाए, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ आवश्यक कदम उठाकर आपकी राशि सुरक्षित रूप से वापस मिल सकती है:
तत्काल शिकायत दर्ज करें — राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 18001201740 पर तुरंत कॉल कर घटना की सूचना दें।
अपने बैंक को सूचित करें — संबंधित बैंक में जाकर एक निर्धारित फॉर्म भरें, जिसमें गलत लेन-देन से जुड़ी पूरी जानकारी दें।
लेन-देन का सबूत संजोएं — संबंधित SMS या ऐप नोटिफिकेशन का स्क्रीनशॉट लेकर उसका प्रिंट बैंक में दें।
RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई लेन-देन गलती से होता है तो उसकी शिकायत तीन दिन के भीतर दर्ज की जानी चाहिए। देरी से शिकायत करने पर बैंक या अन्य संस्थान राहत देने से इनकार कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त साइबर ठगी से बचने के लिए राजस्थान पुलिस ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
गोपनीय जानकारी कभी साझा न करें — जैसे OTP, कार्ड नंबर, UPI PIN, पासवर्ड आदि। कोई बैंक आपसे यह जानकारी कभी नहीं मांगेगा।
संदेह की स्थिति में पुलिस से संपर्क करें — नजदीकी पुलिस थाने या साइबर हेल्पडेस्क पर तुरंत सूचना दें।
साइबर अपराध की शिकायत करें — राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें याhttps://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज करें।
एसपी शांतनु कुमार सिंह ने अपील की कि डिजिटल लेन-देन करते समय जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। गलत UPI पेमेंट या साइबर ठगी जैसी घटनाओं में सही समय पर कदम उठाकर लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं।