जयपुर। सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ में गुरुवार को भी गहन सुनवाई जारी रही। अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने अभी तक इस भर्ती के संबंध में कोई ठोस और निर्णायक रुख नहीं अपनाया है। कोर्ट ने सरकार से साफ रुख अपनाने को कहा था, परंतु सरकार ने केवल इतना कहा कि "फिलहाल भर्ती रद्द नहीं की जा रही है"।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने अदालत में तर्क रखा कि मौजूदा स्थिति में यह निर्णय (भर्ती को रद्द न करना) सबसे व्यावहारिक और उचित है, क्योंकि भविष्य में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की चल रही अग्रिम जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे कोई निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि "आज की परिस्थिति में भर्ती को रद्द करना संभव नहीं है।"
सुनवाई की शुरुआत में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर ने बहस की। उन्होंने कहा कि सरकार की कैबिनेट सब कमेटी की अनुशंसा के बाद यह याचिका अब सारहीन हो गई है। उन्होंने तर्क दिया कि एसओजी की पहली रिपोर्ट प्राथमिक स्तर की थी, और बाद में दूसरी रिपोर्ट में केवल 53 ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी की बात सामने आई है।
इस पर कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा: "इस मामले को समग्र रूप से देखा जाना आवश्यक है। केवल ट्रेनी एसआई नहीं, बल्कि इसमें RPSC सदस्य, पेपर माफिया और परीक्षा केंद्रों की मिलीभगत की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"
हाईकोर्ट में शुक्रवार को भी बहस जारी रहेगी, जिसमें चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा पक्ष रखेंगे। इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से जवाबी बहस की जाएगी।
गौरतलब है कि सरकार ने 1 जुलाई को हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा था कि वह भर्ती को रद्द नहीं कर रही है, जिसके बाद 7 जुलाई से लगातार बहस चल रही है।