राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 81 विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफों से जुड़े जनहित याचिका मामले में सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। यह फैसला तीन पूर्व मंत्रियों और दो पूर्व विधायकों को कोर्ट नोटिस तामील नहीं होने के कारण लिया गया। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन सभी को नोटिस तामील करवाई जाए।
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश चन्द्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने यह आदेश भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 25 सितंबर 2022 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को कांग्रेस के 81 विधायकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे सौंपे थे।
याचिका में यह भी कहा गया कि इस्तीफा देने के बावजूद इन विधायकों ने वेतन और भत्तों के रूप में कई करोड़ रुपये का लाभ लिया, जो जनधन का दुरुपयोग है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को प्राप्त इस्तीफों पर निर्णय लेने की अधिकतम समय सीमा निर्धारित करने की मांग भी की है, ताकि इस तरह की स्थिति दोहराई न जा सके।
कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी, रामलाल जाट, और तत्कालीन विधायक रफीक खान, महेन्द्र चौधरी और संयम लोढ़ा को नोटिस जारी किए थे। फिलहाल केवल रफीक खान को ही नोटिस तामील हो पाया है। शेष पांचों को नोटिस तामील कराने के आदेश के साथ अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की तिथि पर निर्धारित की गई है।