जयपुर। राजस्थान सरकार ने गुजरात सीमा से सटे उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा (जालौर) जिलों के लिए पशुपालकों की आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नई डेयरी नीति लागू की है। इस योजना से 20,786 रजिस्टर्ड पशुपालक लाभांवित होंगे। योजना का उद्देश्य इन सीमावर्ती क्षेत्रों के दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से सशक्त करना है।
योजना का क्रियान्वयन राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीएफ) द्वारा किया जाएगा। इसके लिए डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्वाज को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। योजना के तहत मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में पहले से मिल रहे 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान के अतिरिक्त 2 रुपए बोनस भी पशुपालकों को दिया जाएगा। यह सुविधा रोजाना 1.75 लाख किलो दूध संकलन वाले इन संघों के लिए एक बड़ी राहत है।
जिला अनुसार लाभार्थियों की संख्या इस प्रकार है:
उदयपुर: 11,447
रानीवाड़ा (जालौर): 5,160
बाड़मेर: 2,226
बांसवाड़ा: 1,953
योजना के अंतर्गत इन पशुपालकों को केवल 370 रुपए में 2.5 लाख रुपए तक का हेल्थ कवर मिलेगा, जो कि कुल बीमा प्रीमियम का सिर्फ 10% हिस्सा है। शेष 90% प्रीमियम आरसीडीएफ और संबंधित दुग्ध संघ द्वारा वहन किया जाएगा। इसके साथ ही मात्र 14 रुपए के प्रीमियम पर 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी शामिल किया गया है। दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में परिजनों को 5 लाख और आंशिक/पूर्ण अपंगता की स्थिति में 2.5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।