Thursday, 03 July 2025

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज’ राष्ट्रीय कला शिविर का शुभारंभ, देशभर के दिग्गज कलाकार हुए शामिल


राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज’ राष्ट्रीय कला शिविर का शुभारंभ, देशभर के दिग्गज कलाकार हुए शामिल

जयपुर। भारतीय समकालीन कला की विविधता, अभिव्यक्ति और संवाद को समर्पित 5 दिवसीय राष्ट्रीय कला शिविर ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज: ए सेलिब्रेशन ऑफ इंडियन कंटेम्पररी आर्ट’ का शुभारंभ राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC), जयपुर में हुआ। शिविर का आयोजन 5 जुलाई तक किया जाएगा, जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित और वरिष्ठ कलाकार अपनी रचनात्मक सहभागिता दे रहे हैं।

इस आयोजन का क्यूरेशन RIC की क्यूरेटर निकहत अंसारी द्वारा किया गया है, जबकि उद्घाटन अवसर पर RIC निदेशक निहालचंद गोयल ने सभी आमंत्रित कलाकारों का पुष्प और शॉल भेंट कर पारंपरिक स्वागत किया। शिविर में लाइव पेंटिंग, कलात्मक चर्चाएं, कलाप्रदर्शन और युवा कलाकारों से संवाद जैसे सत्रों का आयोजन दिनभर किया जा रहा है, जो छात्रों, शोधार्थियों, कलाप्रेमियों और आम नागरिकों के लिए निशुल्क और खुला है।

शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख कलाकार पद्मभूषण जतिन दास – वरिष्ठ समकालीन चित्रकार,डॉ. संजीव किशोर गौतम – डायरेक्टर जनरल, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट,डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा – रामलला मंदिर (अयोध्या) की मूर्ति के स्केच निर्माता एवं यूपी ललित कला अकादमी के चेयरमैन,मनीष पुष्कले – समकालीन कला जगत के चर्चित नामअब्बास बटलीवाला और राजस्थान के वरिष्ठ कलाकार शामिल हैं।

कला और संस्कृति के गहन संवाद को केंद्र में रखे इस शिविर में कलाकार लाइव पेंटिंग के माध्यम से अपनी तकनीक और दृष्टिकोण साझा कर रहे हैं। इसके साथ ही युवा पीढ़ी के साथ संवाद में वे कला के सामाजिक, दार्शनिक और तकनीकी आयामों पर भी विचार रख रहे हैं।

इस अवसर पर महावीर भारती, धर्मेन्द्र राठौड़, भवानी शंकर शर्मा, संगीता जुनेजा, मूर्तिकार राजकुमार, सत्यजीत, पंकज यादव, अमित हरित, लखन सिंह जाट, प्रमोद जैन सहित अनेक कला विशेषज्ञ, शिल्पकार और कलाप्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल पर बनी गैलरियों में दृश्य कला, मिश्र माध्यम, स्केचिंग, और स्थापत्य प्रेरित कलाकृतियों का प्रदर्शन भी जारी है।

यह आयोजन न केवल समकालीन कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक मजबूत पहल है, बल्कि राजस्थान को राष्ट्रीय कला मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभारने का सशक्त माध्यम भी बन रहा है।

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