नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई जनगणना अधिसूचना में जातिगत जनगणना का उल्लेख नहीं होने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना अधिसूचना में वो बातें ही नहीं हैं, जो सरकार ने पहले सार्वजनिक मंचों से घोषित की थीं। पायलट ने कहा—“हमें केंद्र की नीयत में खोट नजर आ रही है। पहले कोविड का बहाना बनाया, अब 2027 की अधिसूचना में जातिगत जनगणना की बात गायब है। यह वादों से पीछे हटने और टालमटोल की रणनीति है।”
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना के लिए 8 से 10 हजार करोड़ का बजट चाहिए, लेकिन केंद्र ने महज 570 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। “जब आप बजट नहीं दे रहे, अधिसूचना में घोषणा की बातें शामिल नहीं हैं, तो साफ है कि सरकार जातिगत जनगणना को लेकर गंभीर नहीं है।”
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना केवल जाति जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि इससे यह पता चलेगा कि समाज के कौनसे तबके को सरकार की योजनाओं का लाभ मिला और कौन अब भी वंचित है। पायलट ने कहा कि तेलंगाना मॉडल को अपनाकर विशेषज्ञों, एनजीओ और सोशल साइंटिस्ट की मदद से एक डिटेल्ड कास्ट सेंसस किया जाना चाहिए।
पायलट ने भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि "जब कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग की थी, तब इन्हें 'अर्बन नक्सल' तक कहा गया। संसद में स्पष्ट रूप से कहा गया कि सरकार जातिगत जनगणना नहीं करवाएगी। लेकिन आज देशभर में इस मुद्दे को लेकर जागरूकता है, जिसके दबाव में केंद्र सरकार को इसे स्वीकार करना पड़ा है।”
महिला आरक्षण पर भी पायलट ने केंद्र को घेरा और कहा कि सरकार ने इसे भी लंबी समयसीमा में उलझा दिया, जिससे साफ है कि सरकार ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।
The demand for a caste census was led by the Congress party, particularly by LoP Shri Rahul Gandhi, who has been raising this issue for several years. Due to the party's continuous and forceful demand, the Modi government has yielded and announced a caste census. However, the… pic.twitter.com/YCCkx5Vli5
— Congress (@INCIndia) June 17, 2025