राजस्थान की राज्य सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए नगरीय निकायों में कार्यरत विधि सलाहकारों, पैनल अधिवक्ताओं और विधि परामर्शदाताओं की पूर्व नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है और 489 नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति की है। यह आदेश स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी किया गया है, जिसके तहत प्रदेश के 32 जिलों के नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में इन अधिवक्ताओं को नियुक्त किया गया है।
इस व्यापक फेरबदल में सबसे अधिक 46 अधिवक्ताओं की नियुक्ति अलवर जिले में हुई है। इसके अतिरिक्त झुंझुनूं में 36, जयपुर में 29, पाली में 25, सीकर और टोंक में 21-21, दौसा और चूरू में 22-22, और श्रीगंगानगर में 21 अधिवक्ताओं की नियुक्तियां की गई हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन नई नियुक्तियों से नगरीय निकायों को त्वरित और सक्षम विधिक सलाह मिलने में सहायता होगी, जिससे लंबित अदालती मामलों के समाधान की प्रक्रिया तेज़ हो सकेगी। विशेष बात यह है कि निरस्त की गई नियुक्तियां पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में की गई थीं, जिससे इस निर्णय को प्रशासनिक सुधार और राजनीतिक संतुलन दोनों के रूप में देखा जा रहा है।